काले कृषि कानूनों की वापसी किसानों व विपक्ष के प्रयासों का परिणाम-कृष्णा

महासमुन्द। केंद्र सरकार द्वारा तीन काले कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा किसान आंदोलन व विपक्ष के सफल संघर्ष का परिणाम है l सरकार द्वारा कानूनों की वापसी से देश मे किसानों व उनके परिवार जनों में हर्ष की लहर व्याप्त है और सरकार के विलंब से किए गए कछुवा चाल की नीति से आक्रोश भी व्याप्त है…उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति में नगर पालिका उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार चंद्राकर कृष्णा ने कही l श्री चंद्राकर ने कहाँ की काले कानूनों की वापसी पर केंद्र को मजबूर करने के लिए किसान आंदोलन व विपक्ष की सार्थक भूमिका रही l लंबे सफल आंदोलन व विपक्ष की दमदार भूमिका के चलते व आंदोलन को कुचलने तमाम गलत प्रयासों के बाद भी आंदोलन सफल रहा l आंदोलन में किसान एकता की मिसाल को नमन करते हुए श्री चंद्राकर ने कहा कि संघर्ष को देश के सुनहरे अक्षरों में लिखने योग्य है l श्री चंद्राकर ने आगे कहाँ की किसान आंदोलन में केंद्र के हिंसा के शिकार शहीद किसानों के परिजनों को सरकार अविलंब 50..50 लाख की राशि को राहत स्वरूप दे जिससे उनके मुखिया के बाद उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहे व प्रतिमाह उचित पेंशन राशि जो आपातकाल में संघ के लोगो को सरकार द्वारा दी जाती रही वैसे ही पेंशन की राशि किसान परिवारों को भी प्रदान करे l श्री चंद्राकर ने किसान आंदोलन में सरकार के कछुवा चाल नीति से निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि तीन कृषि कानूनों के नुकसानों को समझने सरकार को बहुत अधिक समय लगा जो उनके किसान विरोधी रवैयों को बताता है व सरकार के किसान हितों के दावों की सत्यता को उजागर करता है l