3 गिरफ्तार एक फरार, 8 महीने में डकार गए 36 लाख 90 हजार

महासमुंद।नगर के रायपुर रोड स्थित प्रीमियम वाइन शाप बीते वर्ष7_ 8 अक्टूबर की दरम्यानी रात्रि में संदिग्ध शार्ट सर्किट से हुई आगजनी को लेकर चर्चा में रहा अब फिर यह दुकान 36.90 लाख रुपये के गबन को लेकर फिर से चर्चा में है। कर्तव्यनिष्ठ आबकारी अधिकारी के निरीक्षण में मामला पकड़ लिए जाने और मीडिया के संज्ञान में आने के बाद मामले की एफआइआर में हो रही लेटलतीफी पर कलेक्टर ने जिला आबकारी अधिकारी को फटकार लगाई, तब कहीं जाकर शुक्रवार की रात मामले की सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पुलिस ने शराब दुकान से लाखों रुपये की अफरा-तफरी करने वाले तीन आरोपितो को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मामले मुख्य आरोपित अमित राय अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताया जा रहा है।
जानकारी अनुसार रायपुर रोड प्रीमियम शराब दुकान से पिछले 8 महीने में दुकान के सेल्समेन द्वारा लगभग 36.90 लाख रुपये की अफरा-तफरी की गई थी।
तीन दिन पूर्व ही क्षेत्र अधिकारी एडीइओ दीपक ठाकुर अचानक इस दुकान के निरीक्षण पर पहुचे। जांच के दौरान भौतिक मिलान में गड़बड़ी सामने आई। बताया गया है कि 18 दिसंबर को ड्राय डे होने से जांच आगे नहीं बढ़ी। बाद 19 दिसंबर को फिर से जांच कर रिकार्ड मिलान किया गया, तब 36.90 लाख रुपये के गबन का मामला पकड़ लिया गया था।
एडीइओ ने मामले से डीइओ निधीश कोष्ठी को अवगत कराया। किन्तु 19 दिसंबर को विभाग ने एफआइआर दर्ज नहीं कराया गया।
बताया जाता है कि विभाग इसे जांच के नाम पर छिपाने के प्रयास में था। इसकी भनक मीडिया को लगी और इंटरनेट मीडिया पर मामला सामने आ गया। इधर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के जानकारी में मामला आते ही अधिकारियों से पूरी जानकारी ली गई और इस गम्भीर मामले पर एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया।
20 दिसंबर की रात 11 बजे कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपितो में गौरी शंकर सेन, तुकेश दीवान और लक्ष्मी नारायण साहू शामिल है। वही मामले का मुख्य आरोपित अमित राय अभी पुलिस पकड़ से बाहर होना बताया गया है।
जानकारों ने यह भी बताया कि इसी प्रीमियम शराब दुकान में एक साल पहले 7-8 अक्टूबर की मध्यरात्रि आग लग गई थी जिसमें लाखों रुपये की महंगी शराब जल कर खाक हो गए। आग क्यों और जैसे लगी ये अब तक अनसुलझा रहा है।
तात्कालीन आबकारी अधिकारी मोहित जायसवाल, निधीश कोष्ठी इसे शार्ट सर्किट से हुई आगजनी बताते रहे। इस घटना में दुकान के रिकार्ड व शराब जल गए थे। यह भी खास है कि उस समय भी अब की घटना का मुख्य आरोपित अमित राय दुकान में कार्यरत था।
इस बार हुई इस 36.90 लाख के गबन के मामले को पुरानी हुई आगजनी की घटना से जोड़ा जा रहा है। चर्चा इस बात की हो रही है कि 2023 में आग लगी थी या मामले में पर्दा डालने के लिए आग लगाई गई थी। आगजनी की घटना की जांच अबतक मंद पड़ी है।
जांच में यह पाया
00 सहायक जिला आबकारी अधिकारी वृत्त महासमुंद दीपक कुमार ठाकुर ने 17 एवं 19 दिसंबर को प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकान महासमुंद का निरीक्षण किया।
00 दुकान में कुल राशि 36,90,790 रुपये की शराब भौतिक निरीक्षण पर नहीं होना पाया गया।
00 जांच में पाया गया कि प्लेसमेंट एजेंसी ईगल हंटर सोल्यूशन लिमिटेड के कर्मचारी मुख्य विक्रयकर्ता अमित राय, विक्रयकर्ता गौरी शंकर सेन, विक्रयकर्ता तुकेश दीवान एवं मल्टीपर्पस वर्कर लक्ष्मीनारायण साहू के द्वारा विक्रय हेतु प्रदत्त शराब की राशि को एक राय होकर धोखाधडी कर गबन ने किया।
00 दुकान में संधारित दैनिक मदिरा हिसाब पंजी में मदिरा के प्रारंभिक स्कंध मे अंतर पाया गया।
00 पाया गया कि मदिरा की बोतलों को बिना स्कैन किये विक्रय किया जा रहा था एवं विक्रय निरंतर कम दिखाने के कारण लंबे समय से यह कार्य दुकान में चल रहा था एवं राशि गबन की स्थिति निर्मित हुई है।
00 उक्त भौतिक सत्यापन निरीक्षण पूर्व 05.12.2024 को आडिट की टीम द्वारा आडिट किया गया परंतु किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं दिखाई गई।
00 आडिटर के प्रतिनिधि द्वारा सभी पेटियों को खोलकर जांच नहीं किया गया
00 माह अक्टूबर तक की जेआरआर रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की कैश शार्टेज या अनियमितता को दर्शाया अथवा उल्लेख नहीं किया गया
00 मैनपावर एजेंसी ईगल हण्टर सोल्यूशन लिमिटेड के प्रतिनिधि द्वारा भी मदिरा दुकान विस्तृत जांच नहीं की गई
00 निरीक्षण के दौरान मुख्यविक्रयकर्ता अमित राय अनुपस्थित पाया गया व संपर्क करने पर अपना मोबाईल बंद होना पाया।
00 पूछताछ में बताया कि आडिट के समय 05 दिसम्बर को आडिटर के प्रतिनिधि फागेश्वर सिन्हा के द्वारा आडिट किया गया
00 आडिट के दौरान हमारे द्वारा अपने-अपने मोबाईल में संग्रहित मदिरा की बोतलों के होलोग्राम की फोटो स्कैन कर दी जाती थी, जिससे आडिट रिपोर्ट में अंतर दिखलाई नहीं पड़ता था।