यहां कौन गरीब दिव्यांग की सुनता है साहब… मायूस लौटा दिव्यांग रामजी
महासमुन्द। कल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महासमुन्द चन्द्रनाहू कुर्मी समाज के कार्यक्रम में पहुंचे थे। जिनसे मिलने के लिए ग्राम डूमरपाली का दिव्यांग पहुंचा था। हजारों लोगों के इस भीड़ में भी रामजी की सुध किसी ने नहीं ली और घंटो मुख्यमंत्री के मिलने के इंतजार के बावजूद रामजी को मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी फरियाद रखने का मौका नहीं मिल सका। मंच के बाजू में ही राम जी लगभग 4 घंटे मुख्यमंत्री के इंतजार में बैठा रहा। मंच के आसपास जिले के कलेक्टर, एसपी, एसडीएम और पूरा प्रशासनिक अमला मुख्यमंत्री के तिमारदारी में लगा रहा लेकिन किसी ने इस दिव्यांग रामजी से यह नहीं पूछा कि मुख्यमंत्री से क्यों मिलने आये हो और क्या परेशानी है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब मीडिया रामजी के पास पहुंची और उससे उसकी परेशानी पूछने लगे तब कुछ नेताओं की नजर रामजी पर पड़ी, लेकिन जिले का कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस गरीब रामजी से इसकी समस्या नहीं जाननी चाही।
गौरतलब है कि कल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महासमुन्द पहुंचे थे। उनके कार्यक्रम स्थल पर खल्लारी थाना क्षेत्र के ग्राम डूमरपाली का एक गरीब दिव्यांग रामजी जो अकले रह कर अपना जीवन यापन कर रहा है। रामजी को जब यह मालूम हुआ कि महासमुन्द में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पहुंच रहे है। तब रामजी जैसे तैसे कर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचा था। कार्यक्रम स्थल में मुख्यमंत्री के लिए एक भव्य मंच बनाया गया था। उसी मंच के बाजू में गरीब दिव्यांग रामजी डूमरपाली निवासी जाकर एक कुर्सी में बैठ गया था। जिसे सभी अधिकारी और नेताओं ने देखा लेकिन किसी को यह सूझा नहीं कि आखिर ये दिव्यांग जो दोनों पैरों से लाचार है इस कार्यक्रम में क्या कर रहा है। किसी ने रामजी दिव्यांग से कह दिया था कि मुख्यमंत्री जब मंच पर पहुंचेंगे तब उनसे आप मिल लेना। मुख्यमंत्री से मिलने की आस में रामजी लगभग 4 घंटा इंतजार किया। इस 4 घंटे के इंतजार में रामजी को पुलिस वाले अपनी गोद में उठा कर कभी इस कुर्सी से उस कुर्सी करते रहे। बावजूद इसके रामजी को मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी फरियाद सुनाने का मौका नहीं दिया गया।
डूमरपाली निवासी रामजी को जब मीडिया ने देखा और उसके पास पहुचे और उस इस कार्यक्रम में आने की वजह पूछी गई तब उन्होंने पत्रकारों को बताते हुए कहा कि वह डूमरपाली में निवास करता है। दोनों पैरों से विकलांग है। वर्षो बीत गये लेकिन उन्हें ट्राईसायकल नहीं मिला है। दफ्तरों के चक्कर काट कर थक गया है लेकिन उसकी फरियाद कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है। आज मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिली थी तो वह लोगों की मदद से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचा था। रामजी को उम्मीद थी कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या रखेगा और छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल उनकी सुनेगे लेकिन किसी नहीं उसे मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचा इस वजह से रामजी मुख्यमंत्री से मिलने से वंचित रह गया। दुर्भाग्य इस बात का है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे देख कर भी अनदेखा कर दिया और उसकी समस्या दूर करने की बात तो दूर उसकी समस्या जानने की कोशिश भी नहीं की गई।