प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हुई एक जुट
धमतरी, कुरूद, मंगलरोड सहित पूरे प्रदेश में परियोजना अधिकारीयों को सौंपा गया ज्ञापन

महासमुंद। छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूरे 33 जिले में आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अपनी 6 सुत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ़ जंग का ऐलान करते हुए आगामी 23 जनवरी से महापड़ाव और उसके बाद अनिश्चित कालीन हड़ताल में का फैसला लिया है। संयुक्त मंच के बैनर तले आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गई है। आज पूरे प्रदेश भर में महिलाओं ने शहरी और जिला परियोजना अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर हड़ताल की जानकारी देते हुए चेतावनी दी है कि 23 जनवरी से पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार ने अगर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया तो पूरे प्रदेश की डेढ़ लाख कार्यकर्ता सड़क की लड़ाई लड़ने रायपुर राजधानी में एकत्रित होंगी।
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की 6 सूत्रीय मांग*
* आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने तथा सरकार द्वारा अपने जान घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन कर कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल लिए जाना।
*आंगनबाड़ी सहायिकाओं की कार्यकर्ताओं के लिए रिक्त पद पर शत प्रतिशत एवं कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति दिया जाए एवं विभागीय भर्ती नियम में संशोधन किया जाए।
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक का दर्जा एवं वेतन दिया जाए।
*मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बराबर समान काम का समान वेतन दिया जाए एवं फ्रेश कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पद पर समाहित किया जाए।
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 500000 एवं साहिकाओं को 300000 रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि दी जाए और मासिक वेतन ग्रेजुएटी व बीमा योजना का लाभ दिया जाए।
*प्रदेश स्तर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए और पोषण ट्रेकर व अन्य कार्य के लिए मोबाइल वह मोबाइल में नेट पैक की सुविधा उपलब्ध कराया जाए, जब तक मोबाइल और नेट पैक की सुविधा ना दी जाए तब तक कार्यकर्ताओं पर मोबाइल में काम करने का दबाव ना बनाया जाए।