महासमुंद टाइम्सराजनीति

भाजपाई महिलाओं पर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष का बड़ा आरोप

महासमुंद। कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकार ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा की बहने महंगाई का विरोध करने से क्यों डरती है? महंगाई मैन मोदी सरकार की मुनाफाखोरी के नीति ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। आज टमाटर शतक पार रसोई गैस 12 सौ रुपए में, दूध दही कॉपी, पुस्तक, स्टेशनरी, जूता, चप्पल पर मोदी टेक्स यानी जीएसटी है।

दवाइयों के दाम में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दाम भी आसमान छू रही है। पूरे देश में डेढ़ करोड़ कामकाजी महिलाओं के हाथ से रोजगार छीना गया है। भाजपा के कई नेताओं के ऊपर महिलाओं के साथ दुराचार अत्याचार करने के आरोप हैं और वो नेता अब तक भाजपा में है। भाजपा महिला मोर्चा की बहनों को इन सब का विरोध करना चाहिए।2014 के पहले कांग्रेस शासनकाल में रसोई गैस के सिलेंडर 410 रूपए मिलते थे, पेट्रोल डीजल 60 रूपए और 55 रूपए लीटर में मिलते थे। खाने का तेल 70 रूपए किलो राहर दाल 50 रूपए किलो और टमाटर आलू प्याज 5 रूपए. किलो के अंदर मिलते थे। जब यही भारतीय जनता महिला मोर्चा की बहनें आलू प्याज की माला पहन कर महंगाई बता कर विरोध करते थे।भारतीय जनता महिला मोर्चा की बहनों ने केंद्र में सरकार बनने पर 100 दिनों में महंगाई कम करने, सस्ते दरों पर रसोई गैस पेट्रोल डीजल खाद्यान्न उपलब्ध करने का वादा किए थे 9 साल में हालात यह है कि लोग टमाटर नहीं खरीद पा रहे हैं। महंगाई चरम सीमा पर है और भाजपा महिला मोर्चा की बहने मौन है महंगाई का विरोध करने से डर रही है।कांग्रेस सरकार शराबबंदी के साथ नशाबंदी की दिशा में जन जागरूकता माध्यम से काम कर रही है। भाजपा महिला मोर्चा के बहनों को शराबबंदी के साथ नशाबंदी के लिए जनजागरूकता अभियान चलाना चाहिए इस पुनीत कार्य में भागीदार बनना चाहिये। और एक राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए मोदी सरकार पर दबाव बनाना चाहिए पूरे देश में एक साथ नशाबंदी हो।भाजपा नेता चौतरफा निराशा में डूबे हैं, डिप्रेशन के शिकार हैं। हिमाचल, कर्नाटक के बाद अब पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में बुरी तरह ठुकराए जाने से भाजपा को अहसास हो गया है कि अब पूरे देश में दुर्गति होना तय है। छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि पार्टी का अस्तित्व बचाने छत्तीसगढ़ दौरे के लिए मोदी-शाह दौड़ लगा रहे हैं। तू चल, मैं आया की तर्ज पर एक आकर जाता है तो दूसरा चला आता है।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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