36 प्रकार की भाजियां खानी चाहिए… जानिए क्यों
महासमुंद।राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत आज वार्ड 26 पंचशील नगर शहरी परियोजना में पोषण माह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वार्ड के पार्षद मनीष शर्मा ने कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों को तिलक लगाकर व आरती करके की। वार्ड पार्षद ने अपील की कि बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर के बच्चों का वजन अवश्य कराएं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास सुपरवाइजर कुंती यादव ने वार्ड वासियों को जानकारी दी की आंगनबाड़ी केंद्र में पालकगण अपने बच्चों का वजन अवश्य कराएं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से जानकारी ले की बच्चों के वजन स्तर क्या है। क्योंकि बच्चा अगर पीला या लाल रंग को दर्शित करता है तो वह कुपोषित रहता है और बच्चा एक बार अगर कुपोषित हो जाता है तो वापस रिकवर करने में बहुत समय लगता है।
गौरतलब है कि कुपोषण को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर में मनाया जाता है। जिसके अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों मे विविध गतिविधियों का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। सुपरवाइजर व कार्यकर्ता ने आगे वार्डवासियों को जानकारी दी है कि आंगनवाड़ी पर हर माह वजन लिया जाता है व बच्चों के वजन का स्तर बताया जाता है। इसके साथ-साथ में किशोरी बालिकाओं को रेडी टू ईट का वितरण किया जाता है। एनीमिक महिलाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट भी किया जाता है। आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ललिता नंदे, कुसुम नामदेव, सुधा अंबिलकर, हर्षा बोटकेवर, यूनानी डॉक्टर अशपक अहमद उषा बघेल वह बड़ी संख्या में बच्चों के माता-पिता उपस्थित थे।
महिला बाल विकास आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुधा रात्रे ने महिलाओं को पोषण संबंधी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यदि कुपोषण कम करना है तो सबसे पहले महिलाओं को एनीमिया मुक्त होना आवश्यक है। इस हेतु महिला इतनी जागरूक हो कि हीमोग्लोबिन 11 ग्राम या उससे ज्यादा हो तभी वह गर्भधारण करें. ताकि बच्चा गर्भ में अपना पूर्ण विकास कर सके। पूर्ण गर्भकाल में गर्भवती को पौष्टिक पोषण लेना आवश्यक है
इसके लिए गर्भवती को दिन में बार-बार खाना खाते रहना चाहिए। गर्भकाल के दौरान समय-समय पर डॉक्टर से चेक करवा कर पौष्टिक गोली आयरन और कैल्सियम फोलिक एसिड, डाक्टर के दिए गए निर्देश अनुसार खानी चाहिए। आंगनवाड़ी में मिलने वाला पौष्टिक रेडी टू ईट गर्भवती स्वयं उसका उपयोग करें क्योंकि वह बहुत पौष्टिक होता है। यदि महिला एनीमिक है तो उसका बच्चा भी कमजोर होगा और जब बच्चा कमजोर होगा तो उसका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाएगा। एनीमिक महिला है तो उसको भी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक नुकसान हो सकते हैं। जिसका खामी आज उसे स्वयं ही भुगतना पड़ता है। कार्यक्रम में उपस्थित सेक्टर पर्यवेक्षक कुंती यादव द्वारा कहा गया की छत्तीसगढ़ में 36 प्रकार की भाजिया होती है यदि यही भाजी रोज खाई जाए तो एनीमिया की 70% समस्या वैसी हल हो जाएगी, साथ ही यदि पौष्टिक व्यंजन आपको लेना है तो इसके लिए महतारी वंदन की राशि सरकार द्वारा प्रतिमाह दिया जाता है, जिसे अपने स्वास्थ्य के लिए उपयोग कर सकती है.।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ललिता नंदे कुसुम नामदेव के द्वारा पौष्टिक व्यंजन की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें यह दर्शाया गया कि इसमें सभी प्रकार के पोष्टीक तत्व होते हैं जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है स्थानीय स्तर पर उपलब्ध मौसमी फलों का भी उपयोग किया जा सकता है ।इसी तरह शहरी क्षेत्र मे भी महासमुंद के आंगनबाड़ी केंद्र मे पूरक पोषण आहार के संबध मे प्रदर्शनी लगाई गई और महिलाओं को पौष्टीक तत्वों और पौष्टीक आहार की जानकरी दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में बच्चे व किशोरी , मौजूद थी।