
महासमुंद। जनपद पंचायत के अध्यक्ष और सदस्यों के बीच की लड़ाई के चलते जिला प्रशासन को घोर बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है। जनपद पंचायत से मामला निकलकर अब प्रभारी मंत्री के दरबार तक पहुंच चुका है।
जनपद पंचायत अध्यक्ष के कक्ष के लिए 50 हजार रुपए में खरीदी गई समान का भुगतान तीन साल बाद भी नहीं होने की शिकायत गोलछा इलेक्ट्रिकल्स के संचालक धरम गोलछा ने प्रभारी मंत्री महासमुंद दयाल दास बघेल से की है।
मेसर्स गोलछा इलेक्ट्रिकल्स के संचालक ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि आज से तीन साल पहले 2021 में मुख्य कार्यपाल अधिकारी व लेखापाल राजेश शर्मा से मेसर्स गोलछा इलेक्ट्रिकल्स पहुंच कर समान की खरीदी की थी। बावजूद आज तक भुगतान नहीं हो पाया है।
गौरतलब है कि गोलछा इलेक्ट्रिकल्स के संचालक धरम गोलछा ने यह भी शिकायत में लिखा है कि जनपद पंचायत के अध्यक्ष यतेंद्र साहू ने विष्णु धरमुड़े व अरविन्द राजपूत के हाथों पिकअप वाहन में तीन साल पुराना समान वापस गोलछा इलेक्ट्रिकल्स एक अक्टूबर को वापस भेज दिया था जिसे गोलछा इलेक्ट्रिकल्स के संचालक धरम गोलछा ने लेने से इंकार कर दिया था। जनपद पंचायत अध्यक्ष यतेंद्र साहू द्वारा जो समान वापस भेज दिया गया था वह समान अब तक जनपद पंचायत वापस नहीं पहुंचा है।
गोलछा इलेक्ट्रिकल्स धरम गोलछा ने जनपद पंचायत सीईओ से जवाब मांगते हुए शिकायत लिखा कि सीईओ के बिना अनुमति के समान जनपद पंचायत से कैसे बाहर निकला है।
सूत्रों के हवाले से जनपद पंचायत से यह बात निकल कर आई है कि 19 सितम्बर 2021 को सामान खरीदी के बाद से जनपद पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के बैठक में तीन बार खरीदी किए गए समान के भुगतान का प्रस्ताव किया गया था, लेकिन कुछ जनपद सदस्यों के आपत्ति के चलते भुगतान नहीं हो सका। जिस वजह से गोलछा इलेक्ट्रिकल्स के संचालक धरम गोलछा के राशि वसूलने में चप्पल घिस गए है लेकिन भुगतान नहीं हो सका है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि तीन साल बाद नाटकीय तरीके से जनपद पंचायत अध्यक्ष यतेंद्र साहू द्वारा समान दुकानदार को वापस भेज दिया गया, लेकिन दुकानदार ने पुराना समान वापस लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद से समान आज तक जनपद पंचायत वापस नहीं पहुंचा है और ना ही समान के गायब होने की शिकायत थाने में कराई गई है।
जनपद पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के बीच की लड़ाई के चलते दुकानदार को 50 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं जनपद पंचायत को अब शर्मिंदा होना पड़ रहा है। मामले में जब जनपद पंचायत के अधिकारियों से बातचीत कर मामले की सच्चाई जानने की कोशिश की गई तो अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ते हुए मामले से अनभिज्ञता जाहिर कर मामले से बचने का प्रयास कर रहे हैं।