दिव्यांग बच्चों की तकलीफ नहीं देख पाए कलेक्टर, घंटों रास्ते में रूके रहे बच्चों के साथ

महासमुंद। कलेक्टर विनय लंगेह ने पढ़ाया मानवता का पाठ। मनुष्य चाहे कितने बड़े वोहदे में क्यों ने हो पर उसे अपने अंदर इंसानियत को बनाए रखनी चाहिए। ऐसा ही रूप आज महासमुंद कलेक्टर का देखने मिला। घंटों पेड़ की छांव में दिव्यांग बच्चों के साथ करते रहे बातचीत।
बता दें कि आज दोपहर 12 बजे के लगभग भेड़ बकरियों की तरह पिकअप वाहन और इको वाहन में दिव्यांग बच्चों को भर कर एक निजी संस्था फॉर्चून फाऊंडेशन द्वारा बच्चों का चेकअप कराने ले जाया जा रहा था। इसी वक्त महासमुंद के कलेक्टर विनय लंगेह रास्ते से गुजर रहे थे। तपती धूप में दिव्यांग बच्चों को पिकअप वाहन में देखकर कलेक्टर ने वाहन को रुकवाकर पूछताछ की तो पता चला कि फॉर्चून फाऊंडेशन द्वारा तेंदुकोना में दीवान मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के कैंप बच्चों को चेकअप कराने ले जाया जा रहा है। बच्चों की स्थिति देख कर कलेक्टर नाराज हुए हुए और फॉर्च्यूनर फाउंडेशन के संचालय निरंजन साहू को जमकर फटकार लगी है।
कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने बच्चों को एक पेड़ के नीचे उतरवाया और उनके साथ बातचीत कर पानी नाश्ते की व्यवस्था की और तत्काल फॉर्चून फाऊंडेशन के संचालक निरंजन साहू को तत्काल मौके पर उपस्थित होने कहा। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने लगभग एक घंटा बच्चों के साथ बातचीत करते रहे। इसी बीच फॉर्चून फाऊंडेशन के संचालक निरंजन साहू पहुंचे है जिन्हें कलेक्टर ने जमकर फटकार लगाई और दिव्यांग बच्चों को सुविधा जनक वाहन में लाने ले जाने की हिदायत दी। तपती धूप में गर्मी से परेशान बच्चे पेड़ के छांव के नीचे बैठ कर राहत महसूस किए वहीं अपने बीच कलेक्टर को पा कर दिव्यांग बच्चे खुश हुए।
गौरतलब है कि महासमुंद कलेक्टर विनय कुमार लंगेह आज महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक में अपने दौरे पर निकले थे। पिथौरा ब्लॉक के सम्हर तेंदुकोना मार्ग पर फॉर्चून फाऊंडेशन के दिव्यांग बच्चों को माल वाहक वाहन में जाते देख रुके और बच्चों को वहीं एक पेड़ की छांव में उतरवाकर बच्चों सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचने की व्यवस्था की।
बता दें कि आज तेंदुकोना थाना क्षेत्र में दीवान मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल ने एक कैंप का आयोजन किया था जहां दिव्यांग बच्चों को भी बुलाया था। फॉर्चून फाऊंडेशन के संस्थापक निरंजन साहू ने बताया कि दीवान मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल ने बच्चों के लिए पिकअप और इको वाहन की व्यवस्था की थी। आज जिस दो वाहन से दिव्यांग बच्चों को लेकर भेड़ बकरियों की तरह ले जा रहे थे उसे देखकर सहृदय कलेक्टर विनय कुमार से नहीं रहा गया और सारे कामकाज छोड़कर घंटों सड़क पर पेड़ की छांव के नीचे बच्चों से एक घंटे से ऊपर बातचीत करते रहे।