108 के अभाव में चली गई नवजात की जान
दो 108 में एक खराब, 2 सौ मरीज पर एक वाहन
महासमुंद। नवजात को परिजन इलाज के लिए लेकर भड़कते रही पर समय पर उचित इलाज और 108 नहीं मिल पाने की वजह से एक नवजात की मौत हो गई है। मौत के बाद तुमगाँव थान स्थित साईं नमन हॉस्पिटल में बीती रात्रि कुछ लोगों से हंगामा कर दिया। मामला सुबह शांत हुआ।
गौरतलब है कि तुमगाँव के साईं नमन हॉस्पिटल में दोपहर 3.20 डॉक्टरों ऊषा निषाद 22 साल का ऑपरेशन कर स्वस्थ बच्चे को निकाला गया। जिसे डॉक्टरों ने अपनी देख रख रखा था। अचानक से नवजात बच्चे को सांस में परेशानी होने लगी। साईं नमन हॉस्पिटल के डॉक्टरों बच्चे को किसी जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। नवजात के परिजनों ने सुविधाओं से लेश 108 को बुलाया लेकिन 108 वाहन समय पर पहुंच पाने के असमर्थता जाहिर की जिसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने अपने एंबुलेंस में तत्काल जिला अस्पताल नवजात को पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद रायपुर रेफर कर दिया। नवजात शिशु के परिजनों फिर से 108 वाहन को मदद के लिए फोन किया तब फिर से 108 वाहन ने तत्काल वाहन उपलब्ध करा पाने में असमर्थता जाहिर की। जिसके बाद परिजनों ने पुनः साईं नमन हॉस्पिटल के एम्बुलेंस में नवजात बच्चे को रायपुर अस्पताल ले रहे थे तभी रास्ते में ही नवजात की मौत हो गई। नवजात बच्चे की मौत के बाद कुछ लोगों ने साईं नमन हॉस्पिटल के सामने हंगामा खड़ा कर दिया। जिला हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि कुछ कुछ बच्चों को मां के पेट के भीतर कोई समस्या नहीं होती है लेकिन पेट से बाहर आते हैं शारीरिक विकार से ग्रसित नवजात को समस्या हो जाती है।
क्या है पूरा मामला
ऊषा निषाद ग्राम केडियाडीह उम्र 22 साल गर्भवती होने के बाद से अपना इलाज अगर के एक निजी अस्पताल में कर रही थी। जहां डॉक्टरों ने लगभग 9 माह तक ऊषा निषाद का इलाज करते रहे हैं। उसी निजी अस्पताल में सोने ग्राफी पश्चात डॉक्टरों ने डिलेवरी की तारीख भी बताई थी। ऊषा निषाद अपने परिजनों के साथ 18 अक्टूबर को अपने सारे रिपोर्ट लेकर साई नमन हॉस्पिटल तुमगांव पहुंची और ऑपरेशन की बात कही। डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया और दोपहर 3.20 बजे ऑपरेशन कर एक बालक को डिलवरी कराया गया। डिलेवरी के बाद बच्चा जोर जोर से रोने लगा। इधर निषाद परिवार ने बेटे आने की खुशी में मिठाइयां बांटनी शुरू ही की थी इसी बीच बच्चे ने सांसे कम होने लगी। डॉक्टरों ने तत्काल प्रारंभिक चिकित्सा नाचता को उपलब्ध कराया और परिजनों को कहा कि बच्चे का पल्स धीमा हो रहा हैं तत्काल महासमुंद मेडिकल कॉलेज ले जायें। डॉक्टरों की सलाह पर निषाद परिवार ने 108 बुलाने कॉल लगाया लेकिन 108 की तत्काल उपलब्ध नहीं होने की जानकारी मिली जिसके बाद साईं नमन हॉस्पिटल में अपने अस्पताल के नर्सों के साथ अपने एंबुलेंस में महासमुंद मेडिकल कॉलेज बच्चे को पहुंचाया। नवजात बच्चा लगभग 4 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंचे चुका था। नवजात बच्चे को गैसफिक की समस्या हो रही थी। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने जो मेडिकल कॉलेज में सुविधा उपलब्ध थी वह बच्चे को दिया लेकिन नवजात बच्चे की हालत और बिगड़ते देख रायपुर रेफर कर दिया।