निंदा प्रस्ताव के साथ_साथ नव कार्यकारिणी का हुआ गठन
तृप्ति चंद्राकर प्रदेश सह मीडिया प्रभारी हुई नियुक्त

महासमुंद। आज 13 अप्रैल को राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का प्रांतीय सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित हुआ, जिसमें राज्य भर के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों ने सहभागिता करते हुए संगठन के भविष्य, गरिमा और दक्षता पर सकारात्मक एवं दूरदर्शी विचार साझा किए। सम्मेलन के दौरान कोरबा तहसीलदार सत्यपाल राय के विरुद्ध, उनके पूर्व पदस्थापन उपपंजीयक, भरतपुर के कार्यकाल की भूमि रजिस्ट्री से जुड़े प्रकरण में पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की संघ द्वारा तीव्र निंदा की गई। यह निर्णय लिया गया कि प्रकरण के सभी तथ्यों को शासन के समक्ष समुचित प्रस्तुति देकर न्याय की मांग की जाएगी।इस अवसर पर वर्तमान कार्यकारिणी को भंग कर संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कुमार लहरें को सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया। उन्होंने आगामी प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रांत राठौर, प्रदेश संयोजक संजय राठौर, गुरुदत्त पंचभाये, वसुमित्र दीवान, प्रदेश सचिव प्रशांत पटेल,प्रदेश प्रवक्ता शशिभूषण सोनी, प्रदेश मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश चंद्रवंशी, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी श्रीमती तृप्ति चंद्राकर
इसके अतिरिक्त, प्रत्येक संभाग हेतु प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रत्येक संभाग से एक-एक कार्यकारिणी सदस्य को भी मनोनीत किया गया, ताकि संगठनात्मक गतिविधियों में समावेशिता और संरचना को सुदृढ़ किया जा सके। सम्मेलन में उपस्थित तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों द्वारा निम्नलिखित 5 प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई और संघ के आगामी कार्यदिशा हेतु सुझाव पारित किए गए:
1. एकता और सहभागिता
प्रत्येक संभाग से संभागीय सलाहकार समितियों का गठन।साप्ताहिक “संघ समाधान समूह” की बैठकें, जहाँ सभी सदस्य खुलकर अपने सुझाव व समस्याएं साझा कर सकें।मासिक “संघ संवाद” बुलेटिन के माध्यम से संघीय कार्यों और प्रगति की पारदर्शी प्रस्तुति।
2. प्रशासनिक एवं विधिक संरक्षण।
मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) का निर्माण। विधिक सहायता प्रकोष्ठ का गठन, जो विभागीय/कानूनी मुद्दों में सदस्यों को सहयोग प्रदान करेगा।
3. व्यक्तिगत एवं पारिवारिक सहयोग “सहयोग मंच” की स्थापना, जो सदस्यों और उनके परिवारों की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आपात स्थितियों में सहायता करेगा। सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ संवाद एवं मार्गदर्शन की योजना।
4. क्षमता विकास एवं सम्मान
“राजस्व प्रशासन कार्यशालाएं” वर्ष में दो बार आयोजित कर नवीनतम प्रशासनिक जानकारियाँ, तकनीकी दक्षता और प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों को सम्मान पत्र/प्रमाण पत्र प्रदान कर संघीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
5. पारदर्शी नेतृत्व एवं चुनाव सुधार
आगामी संघीय चुनावों के लिए ई-वोटिंग प्रणाली लागू की जाएगी। नव निर्वाचित पदाधिकारी कार्यकाल आरंभ होने से पूर्व लक्ष्य घोषणाएं प्रस्तुत करेंगे तथा पूर्व पदाधिकारी अपना विवरणात्मक कार्य प्रतिवेदन सौंपेंगे। संघ ने पुनः यह दोहराया कि वह प्रशासनिक सेवा की मर्यादा, स्वायत्तता और निष्पक्षता के लिए सदैव प्रतिबद्ध है, और किसी भी प्रकार की अनुचित कार्रवाई अथवा मानहानिक व्यवहार का संवैधानिक ढंग से विरोध करता रहेगा।