आंबा ने लिखा पीएम, सीएम को चिट्ठी।
महासमुंद। स्थानीय पटवारी कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे संयुक्त मंच के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने आज देश के प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए ध्यान आकर्षित कराया है। पिछले 36 दिन से यह अनिश्चितकालीन हड़ताल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ का चल रहा है, लेकिन अब तक राज्य शासन द्वारा किसी भी प्रकार के कोई पहल नहीं की गई है। जिस वजह से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं में राज्य सरकार के खिलाफ भारी आक्रोष देखा जा रहा है। आज इसी परिपेक्ष में स्थानी पटवारी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के नाम सैकड़ों पोस्टकार्ड में पत्र लिखा है।
गौरतलब है कि अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर 23 जनवरी से पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के लगभग 3.30 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाया है कि अपने घोषणापत्र में किए गए वादे से सरकार मुकर गई है। सरकार के 4 साल बीत जाने के बाद भी अब तक आंगनबाड़ी के हित में किसी भी प्रकार का कोई फैसला नहीं लिया गया है। राज्य और केंद्र सरकार से मिलने वाले साढ़े 6 हजार और साढ़े 4 हजार में कार्यकर्ताओं के परिवार का गुजर बसर नहीं हो रहा है। सरकार अपने लाभ के लिए अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए लगातार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका का सहारा लेती रही है। जिला प्रशासन द्वारा निर्वाचन तक का कार्य आंगनवाड़ी के कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है। बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं द्वारा कलेक्टर दर देने की मांग, जिसका वादा खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। उसी वादे से सरकार मुकर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के रवैया से आक्रोशित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने अपना आंदोलन उग्र कर दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित कराने रैली, चक्का जाम, सहित ढोल_नगाड़े बजाकर राज्य सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत कराते रहें ।छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के संयुक्त मंच के बैनर तले चल रहे। इस राज्य स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल करने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की मांग है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग। राज्य सरकार द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिए जाने की मांग। आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत एवं कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शतप्रतिशत पदोन्नति किए जाने एवं विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन करने की मांग। आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा एवं वेतन दिए जाने की मांग। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्तों के बराबर समान काम का समान वेतन देने एवं कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किए जाने की मांग।आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपये एवं सहायिकाओं को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट बाद एक मुश्त राशि दिए जाने एवम मासिक पेंशन, ग्रेच्यूटी, व समूह बीमा योजना लागू करने की मांग और अंतिम प्रदेश स्तर में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाय और पोषण ट्रैक और अन्य कार्य के लिये जब तक मोबाईल, नेट चार्ज नहीं दिया जाता, तब तक मोबाईल पर कार्य का दबाव ना बनाने की मांग की गई है। आज के कार्यक्रम में प्रांत उपाध्यक्ष सुधा रात्रे, जिला अध्यक्ष सुलेखा शर्मा, द्रोपती साहू, हाजरा खान, सुल्ताना खान, रागिनी चंद्राकर, अहिलिया मरकाम, लल्ली आर्य, बागबाहरा ब्लॉक से ब्लॉक अध्यक्ष सरोज चंद्राकर, उषा चौहान, रवीना साहू, अनंता पाण्डेय, पिथौरा सूशीला ठाकुर, बसना से संतोषी यादव, विभा साहू, सरायपाली से ज्योत्स्ना नन्द, कस्तूरी कर सहित हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका शामिल थी।