महासमुंद टाइम्स

जिला कलेक्टर आदेश का अब तक नहीं दिखा कोई असर, तीन फिर झुलसे खोलते पानी में

महासमुंद लोकसभा की सांसद के भी विरोध का नहीं हुआ असर

महासमुंद। आज फिर करणी कृपा स्टील प्लांट में खौलते गर्म पानी में तीन व्यक्ति बुरी तरह से झुलस गए हैं। घटना आज दोपहर लगभग डेढ़ बजे की बताई जा रही है। गर्म पानी में झुलसे लोगों को रायपुर रेफर किया गया है। जहां डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। करणी कृपा स्टील प्लांट में हुई भयानक दुर्घटना में रितेश कुमार, देवेंद्र सिंह और करण कुर्रे बताया गया है। खोलते पानी से तीनों लगभग 40 से 50 प्रतिशत झुलस गए हैं।

गौरतलब है कि करणी कृपा स्टील प्लांट में काम करने वालों के साथ लगातार यह जानलेवा दुर्घटना घटित हो रही। जिला प्रशासन ने पूर्व में हुई दुर्घटनाओं पर स्टील प्लांट प्रबंधन पर कार्रवाई कर प्लांट में काम करने वालों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का आदेश दिया था, लेकिन प्लांट में जिस तरह से बेकसूर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। इससे यह बात साफ नजर आ रहा है के जिला कलेक्टर के आदेश का करणी कृपा पावर प्लांट कितना पालन कर रहा है।

मालूम हो कि पिछले तीन सालों से छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले लगातार गांव के को किसान इस अवैधानिक रूप से संचालित हो रहे प्लांट को बंद करने की मांग कर रहे हैं। महासमुंद लोकसभा की सांसद रूपकुमारी चौधरी ने भी मामले को दिल्ली के सदन तक पहुंचा कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार ना किसानों की सुन रहा है और ना ही अपने सांसद की। विगत दिनों किसानों ने इसी करणी कृपा स्टील प्लांट के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने आ रहे थे जिसे पुलिस प्रशासन ने बीच रास्ते में रोक दिया था। आखिर शासन प्रशासन किसके लिए है करणी कृपा स्टील प्लांट के मालिकों के लिए जो अपनी जेबें भरने किए क्षेत्र के युवाओं के जीवन को तांक पर रख कर अपना प्लांट चले रहे हैं। या गरीब किसान और आम आदमी के हित के लिए।

लगातार करणी कृपा स्टील प्लांट में हो रहे जान लेवा दुर्घटनाओं ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। शासन प्रशासन की कथनी और करनी के बीच का अंतर पानी की तरह साफ नजर आ रहा हैं। एक के बाद एक खोलते गर्म पानी से झुलसने और अकल मौत के मुंह ने जाने वालों की संख्या यह चीख चीख कर कह रही है कि इसी तरह से इस यमराज रूपी स्टील प्लांट में दुर्घटनाएं होती रही तो कई मांओं के गोद सुने हो जायेंगी। कई बहनों के मांग का सिंदूर मिट जाएगा और कई बच्चे अनाथ हो जाएंगे।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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