महासमुंद टाइम्स

40 प्रतिशत राशि का नहीं किया गया भुगतान तो एक जून से होगा आंगनबाड़ी बंद

तीन साल से महिला बाल विकास विभाग के दफ्तर का लगा रहे हैं चक्कर

 

महासमुंद। पिछले तीन साल से लंबित राशि का भुगतान करने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने कलेक्टर को सौपा ज्ञापन। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं की फलीभूत करने बाली, मात्रा 6500 रुपए मानदेय में काम कर सरकार की योजनाओं को घर घर पहुंचने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के क्रूरता का सामना करना पड़ रहा है। पूरे जिले भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ से सरकार की सुपोषण योजना को कारगर बनाने के लिए राशन दुकानों से हजारों रुपए कर्ज लेकर सुखा राशन का वितरण किया गया है। एक मार्च 2022 को महिला बाल विकास विभाग

 

की मंत्री अनिला भेड़िया को भी लंबित भुगतान करवाने का निवेदन किया गया था। लेकिन अधिकारीयों की मनमानी और गैरजिम्मेदाराना रवैए की वजह से पिछले तीन साल से राशि के भुगतान के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता जिला कलेक्टर, जिला सी ई ओ के दफ्तर के चक्कर काट रही है। हजारों रुपए के कर्ज में लदे कार्यकर्ताओ ने महिला बाल विकास विभाग के रवैए से नाराज हो कर आंगनबाड़ी एक जून से बंद करने का निर्णय लिया है।

 

गौरतलब है छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने आज कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौप कर। पिछले तीन साल से लंबित सुखा राशन, लड्डू, गरम भोजन वितरण की लंबित राशि के भुगतान करने की मांग की हैं। राशि का भुगतान नहीं होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आगामी एक जून से पूरे जिले में आंगनबाड़ी का संचालन बंद कर। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आगमन पर मामले से उन्हें भी अवगत कराने की बात कही है।

मालूम हो कि कोविड़ काल में छत्तीसगढ़ सरकार की योजना अनुरूप पूरे जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने स्वयं के व्यय से राशन दुकान से कर्ज में सुखा राशन, अंडा, मुर्रा लड्डू का वितरण आंगनबाड़ी के महिला कार्यकर्ताओ ने किया था। जिसका भुगतान पिछले ढाई साल से महिला बाल विकास विभाग में भुगतान रोक रखा है। जिससे आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओ में भरी नाराजगी देखी जा रही। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी से निवेदन के बावजूद राशि का भुगतान के लिए टाल मटोल किया जा रहा है। विभाग के रवैए से क्षुब्ध कार्यकर्ताओ ने आर पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है। पूरे जिले लगभग 350 केंद्र संचालित हो रहे है। जिनका एक करोड़ 17 लाख रुपए बकाया था। बकाया राशि का 60 प्रतिशत राशि का एक साल पहले भुगतान किया गया था, लेकिन 40 प्रतिशत भुगतान की राशि के लिए महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी कार्यकर्ताओ को दफ्तरों के चक्कर लगवा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने मीडिया को अपने बयान में कहा है कि महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी जान बूझ कर रोज नए नए बहाने बना कर भुगतान को रोक रखा है। 31मई तक मांगे पूरी नहीं हुई तो कार्यकर्त्ता आंगनबाड़ी बंद करने की बात कही है

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!