आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर मुख्यमंत्री, प्रधान मंत्री के नाम सौपा ज्ञापन
महासमुंद। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ ने आज 6 सुत्रीय मांगों को लेकर आज कलेक्ट्रेट का घेराव कर कलेक्टर को छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम 6 सुत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया है कि 23 जनवरी से प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं द्वारा आंगनबाड़ी में ताला बंदी कर प्रांतीय महापड़ाव छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र के खिलाफ जमकर आंदोलन करने की बात कही है। 5 दिवसीय महापड़ाव दिन और रात का होगा।
*23 जनवरी से 27 जनवरी इन पांच दिनों के रायपुर राजधानी में महापड़ाव के बाद भी अगर राज्य सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो 28जनवरी से पूरे प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालिन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है* और इस अनिश्चित कालीन हड़ताल के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी।
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की 6 प्रमुख मांगों में
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग।राज्य सरकार द्वारा अपने जन घोषणा पत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिए जाने की मांग। आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर शत प्रतिशत एवं कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शतप्रतिशत पदोन्नति किए जाने एवं विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन करने की मांग।
आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्रायमरी शिक्षक का दर्जा एवं वेतन दिए जाने की मांग। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्तों के बराबर समान काम का समान वेतन देने एवं कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद पर समाहित किए जाने की मांग।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपये एवं सहायिकाओं को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट बाद एक मुश्त राशि दिए जाने एवम मासिक पेंशन, ग्रेच्यूटी, व समूह बीमा योजना लागू करने की मांग और अंतिम प्रदेश स्तर में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाय और पोषण ट्रैक और अन्य कार्य के लिये जब तक मोबाईल, नेट चार्ज नहीं दिया जाता, तब तक मोबाईल पे कार्य का दबाव ना बनाने की मांग की गई है।