शिक्षकों की कमी से गुस्साएं पालकों और विद्यार्थियों ने स्कूल में जड़ा ताला, कोई अधिकारी सुध तक लेने नहीं पहुंचा
महासमुन्द। जिले के बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम बकमा में आज सुबह शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बकमा में शिक्षकों की भारी कमी के चलते गुस्साएं पालकों और विद्यार्थियों ने स्कूल के दरवाजे पर ताला जड़ कर धरना प्रदर्शन पर बैठक गये। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को जानकारी मिलने के बावजूद भी बकमा नहीं पहुंचे। ग्रामीणों और पालकों का कहना है कि जब तक शिक्षक की पदस्थापना नहीं हो जाती तब तक स्कूल में तालाबंदी रहेंगा।
महासमुन्द जिले में शिक्षा के बदहाल व्यवस्था का यह कौई पहला मामला नहीं रहा है। जिले में बकमा जैसे सैकड़ों स्कूल है जहां शिक्षकों की भारी कमी है, लगातार पालकों और छात्र-छात्राओं द्वारा शिक्षा विभाग को अवगत कराने के बावजूद भी कोई सुध नहीं लेने वाला है। शिक्षकों की कमी के चलते ग्रामीणों ने सडक़ों पर उतर कर लड़ाई शुरू कर दी है। हम आपको बता दें कि बकमा उच्चतर माध्यमिक शाला में 9 से 12 वीं की कक्षाओं में 340 बच्चे अध्यनरत है। इस स्कूल को कम से कम 18 शिक्षकों की आवश्यकता है लेकिन वर्तमान में सिर्फ बकमा हायर सेकण्डरी स्कूल में 6 शिक्षक हैं। किसी भी देश की रिड की हड्डी माना जाने वाला शिक्षा महासमुन्द में बिमार हैं। यहां शिक्षा विभाग की बदहाली के चलते कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जब कभी भी स्कूलों में इस तरह का मामला सामने आता है तब शिक्षा विभाग कुछ दिनों के लिए वहां कुछ शिक्षकों की व्यवस्था कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेते हैं। कोरोना काल के कारण वैसे भी बच्चों की पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है। महासमुन्द जिले में 1957 स्कूलें है। जिसमें से लगभग 100 स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। छात्रों ने जानकारी के अनुसार इस स्कूल में साइंस विषय पर शिक्षक ही नहीं हैं। बायो-कैमेस्ट्री की पढ़ाई ही नहीं हो रही है। जिसे लेकर छात्राएं बहतु चिन्तीत है साथ ही पालक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिन्तीत हैं।महासमुन्द जिला सहायक शिक्षक अधिकारी श्री भारतीय को मोबाइल से जानकारी लेने फोन किया गया, लेकिन उनका मोबाइल व्यस्त रहा। कुछ समय तक उनके फोन आने का इंतजार किया गया लेकिन उनका फ़ोन कॉल वापस नहीं आया। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है कि शिक्षा विभाग ऐसे मामलों पर कितना गंभीर हैं।