BREAKING NEWS_पोषण ट्रैक्टर केवायसी के बहाने, हितग्राही के अकाउंट से 19478 रुपए साइबर ठग ने किया पार

महासमुंद। पटेवा थाना क्षेत्र के ग्राम लखनपुर निवासी एक आंगनबाड़ी केंद्र के हितग्राही महिला साइबर ठगी का शिकार हो गई है। अज्ञात आरोपी ने खुद को महिला बाल विकास विभाग का उच्चाधिकारी होने का झांसा देकर महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बात की फिर हितग्राही को फोन कर पोषण ट्रैक्टर में केवायसी नहीं होने की बात कहते हुए पहले डराया धमकाया और तत्काल पोषण ट्रैक्टर में केवायसी करने का दबाव बना कर हितग्राही को एक लिंक भेजा और ओटीपी मांग किया। अज्ञात साइबर ठग को महिला बाल विकास विभाग का उच्चाधिकारी होने के भय से महिला ने बिना सोचे समझे ओटीपी भेज दिया। ओटीपी भेजते ही महिला के खाते से अज्ञात साइबर ठग ने 19478 रुपए पार कर दिया गया है।
गौरतलब हैं कि ठगी की शिकार हुई मनीषा रात्रे ने तत्काल मामले की जानकारी सक्षम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की ब्लॉक अध्यक्ष छाया हिरवानी को दी। मामले में श्रीमती हिरवानी ने साइबर ठगी का शिकार हुई हितग्राही के साथ पटेवा थाना पहुंच कर मामले की शिकायत दर्ज कराई है। घटना दो बजे की बताई गई है। महासमुंद जिले के दुरस्त अंचलों में कामकाजी महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ लगातार साइबर ठगी हो रही है। पीछे तीन दिन ने इस तरह का यह दूसरा मामला ठगी की हुई है।
मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना की लगातार महिला बाल विकास विभाग के सुपर वाइजरों, महिला बाल विकास विभाग के अधिकार पोषण ट्रैक्टर में काम करने का दबाव बनाते है। अधिकारियों द्वारा काम नहीं होने पर तत्काल कार्यमुक्त कर देने की धमकी दी जा रही है। जिसकी वजह से कोई भी कुछ भी पोषण ट्रैक्टर से संबंधित जानकारी मांगता है तो भय दे देना ही पड़ता है। जिस वजह से यह घटना घटित हो रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का यह भी कहना है कि सरकार अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैक्टर साबित अन्य काम करने के लिए अलग से मोबाइल देती तो ऐसी घटना का शिकार होने से वह बच जाती।