ज्ञानशक्ति का उपयोग करके मनुष्य ने सभी प्राणियों को अपने कंट्रोल में कर रखा है..
महासमुंद। स्थानीय शंकराचार्य भवन में सर्व समाज समन्वय महासभा छत्तीसगढ़ के जिला कार्यकारिणी द्वारा आयोजित नगर में कृपालु महाराज के प्रचारिका सुश्री डॉ भक्तिश्वरी देवी की आठ दिवसीय प्रवचन 29 मई से प्रारंभ हो गया है। आज उन्होंने बताया प्रवचन मानव शरीर बहुत दुर्लभ शरीर है, कबहुँक करि करुणा नर देहि, क्योंकि यह शरीर ज्ञानप्रधान और कर्मप्रधान है। इस शरीर की ज्ञानशक्ति का उपयोग करके मनुष्य ने सभी प्राणियों को अपने कंट्रोल में कर रखा है। यहां तक कि हम भगवान को भी अपने अंडर मैं कर लेते हैं। यह मानव देह अनंत जन्मो में भगवान की कृपा से कभी_कभी प्राप्त होता है।देवता लोगों को भी यह शरीर दुर्लभ है।वो लोग मानव देह प्राप्त करने के लिए कामना करते हैं। क्योंकि इसका प्रमुख कारण है कि मानव देह ज्ञान प्रधान और पुरुषार्थ युक्त है। केवल मानव शरीर में ही कर्म का फल मिलता है।अन्य किसी शरीर में कर्म का फल नहीं मिलता। वह भोग योनि है। पुनश्च देवताओं को स्वर्ग सुख मिलने के पश्च्यात हीन योनियों में पटक दिया जाता है। उनका पतन हो जाता है। तो वह सोच लेते हैं कि हमको मानव देह पुनः प्राप्त हो जाय तो हम गलती नहीं करेंगे ,अपना पुरषार्थ बना लेंगे।परंतु इस शरीर में एक खराब चीज है। कब नष्ट हो जाएगा कुछ पता नहीं।अतः इसका उपयोग करके जल्दी से जल्दी अपना परमार्थ बनाना है।