प्रशासनिक

CDPO और पर्यवेक्षकों ने सीखा ब्रेन हार्ट प्रोग्रामिंग तकनीक एवं ख़ुशी के पँचसूत्र  

महासमुन्द। महिला बाल विकास विभाग महासमुन्द द्वारा जिले के CDPO एवं पर्यवेक्षकों के लिए लीडरशिप डेवलपमेंट और लाइफ स्किल प्रशिक्षण हेतु 1 दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 7 अप्रैल को किया गया । यह प्रशिक्षण जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले ने दिया । शासकीय तंत्र में केवल आदेश देकर काम करवाने की परंपरा रही है । अधीनस्थ व्यक्ति इसलिए काम को बोझ समझकर ही करता है , बेमन से । इससे कार्यदक्षता प्रभावित होती है और गुणवत्ता भी । एक मातहत अपने बॉस के आदेशों को मन से स्वीकार करे इसके लिए बॉस को अपने अधीनस्थ के मन में जगह बनाने की कला आनी चाहिए । सभी अधिकारियों को यह सीखना चाहिए । अपने अधीनस्थ अमले के मन मे जगह बनाते हुए उससे काम भी करवाने की तकनीक ही ब्रेन हार्ट प्रोग्रामिंग तकनीक है। आदेश देने के साथ ही आदेशों का अनुपालन मन से करने के लिए अधीनस्थ को तैयार करने के लिए एक अधिकारी को अपने मातहतों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए यह सीख ब्रेन हार्ट प्रोग्रामिंग तकनीक का मूल है । जिस प्रकार ब्रेनवाश तकनीक से किसी व्यक्ति को ग़लत कार्य करने के लिए तैयार कर दिया जाता है उसके विपरीत ब्रेन हार्ट प्रोग्रामिंग तकनीक से व्यक्ति को सही कार्य करने के लिए दिलोदिमाग से तैयार किया जाता है । यह एक प्रभावी मनोवैज्ञानिक मेथड है ।शा सकीय कार्य भी पूरे जीवन का एक हिस्सा है । यदि व्यक्ति अपने जीवन मे ख़ुश है तो वह आफिस में कार्य भी पूरी दक्षता से करेगा इस बात को ध्यान में रखते हुए जिले के CDPO और पर्यवेक्षकों को ख़ुशी के पँचसूत्र की लाइफ स्किल ट्रेनिंग भी श्री सुधाकर बोदले द्वारा दी गई । जीवन मे ख़ुश रहना सभी चाहते हैं लेकिन तरीका क्या है ?ख़ुशी का एक्टिवनेस से गहरा रिलेशन है । 6 घण्टे नींद के उसके बाद के 18 घण्टे में जो जितना एक्टिव रहे वो उतना ख़ुश रहेगा । 18 घण्टे एक्टिव मतलब हैप्पीनेस इंडेक्स 10 , 9 घण्टे एक्टिव मतलब हैप्पीनेस इंडेक्स 5 । ख़ुशी का संबंध सैटिस्फैक्शन से भी है । हम ओवरआल कितने सन्तुष्ट हैं इससे हमारी ख़ुशी निर्धारित होती है । रोज़ ख़ुद के लिए , परिवार के लिए और समाज के लिए जियें , कंट्रीब्यूट करें तो अधिकतम ख़ुश रहेंगे । दुःख और निराशा तो जीवन का अनिवार्य हिस्सा है । इस बात को जितनी सहजता से स्वीकार करेंगे उतना ख़ुश रहेंगे । अगर सप्ताह में एकाध दिन आप डाउन फील करते हैं तो आप एकदम नॉर्मल हैं यह हर किसी के साथ होता है । आपसी मानवीय सम्बन्ध बेहतर हों हम आपसी सम्बन्धों को सहेजने में थोड़ा ध्यान दें तो हम ख़ुश रहेंगे । किसी के सुख के समय मे साथ न रहें लेकिन दुःख के समय मे किसी का सहारा बने तो हम ख़ुश रहेंगे । अपने इमोशन्स को रेगुलेट करना सीख गए । कब गुस्सा करना है (और कब नही) और कितनी मात्रा में करना है यह हमें आ गया तो हम अधिकतम ख़ुश रहेंगे । वर्कशॉप के अंत मे वर्ष 2021-22 में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले 2 CDPO और प्रत्येक परियोजना के 1-1 पर्यवेक्षकों को डेल कार्नेगी की लाइफ स्किल बुक “हाऊ टू एन्जॉय योर लाइफ एंड योर जॉब (हिन्दी संस्करण)” देकर सम्मानित भी किया गया । सुधाकर बोदले विगत 3 वर्षों से जिला महिला बाल विकास अधिकारी के रूप में महासमुन्द जिले में पदस्थ हैं । वो हमेशा यह प्रयास करते रहते हैं कि सरकारी काम असरकारी तरीके से हो । यह प्रशिक्षण कार्यशाला भी उनके इसी प्रयास की एक कड़ी है ।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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