छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा जांच में फेरबदल किया, हाई-स्टेक जांच सीबीआई को सौंपी
रायपुर। छत्तीसगढ़ ने महादेव सट्टा ऐप मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है। यह निर्णय, अधिक पारदर्शी और त्वरित जांच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, घोटाले में हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों की संलिप्तता को संबोधित करने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।
गृह विभाग द्वारा जारी 22 अगस्त 2024 की आधिकारिक अधिसूचना, पूरे छत्तीसगढ़ में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करती है। सीबीआई को अब इस मामले की जांच करने का अधिकार है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, जुआ अधिनियम और सार्वजनिक जुआ (म.प्र. संशोधन) अधिनियम के तहत कई तरह के अपराध शामिल हैं। ये अपराध महादेव ऑनलाइन जुआ प्लेटफॉर्म और अन्य संबंधित अवैध गतिविधियों को संचालित करने और उसमें शामिल व्यक्तियों की गतिविधियों से जुड़े हैं।
इस मामले में छत्तीसगढ़ के राजनेताओं, व्यापारियों, युवाओं और विभिन्न रैंक के पुलिस अधिकारियों सहित कई प्रभावशाली हस्तियों को फंसाया गया है। इसके अतिरिक्त, उच्च पदस्थ बैंक अधिकारियों के ऐप के अवैध संचालन में शामिल होने का अनुमान है। सीबीआई को लाने के सरकार के फैसले से जांच में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जिम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
उप सचिव डी.पी. कौशल द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना को भारत सरकार के सचिव, सीबीआई के निदेशक और छत्तीसगढ़ के पुलिस निदेशक सहित अन्य प्रमुख अधिकारियों को भेजा गया। जांच प्राधिकरण में यह बदलाव राज्य सरकार की इस मामले को अत्यंत गंभीरता और पारदर्शिता के साथ संभालने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।