स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती, बीमारियों और कुपोषण के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित_समीर पाण्डेय

महासमुंद। केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की मंशानुरूप जिले में आज 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम की शुरुआत शहर के कुम्हारपारा प्राथमिक शाला स्कूल से की गई है। आज के कार्यक्रम में क्लस्टर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुधा रात्रे, अंजू प्रजापति, धनमती बघेल, रंभा जगत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
गौरतलब है कि कार्यक्रम को विभिन्न तरह के विधाओं में बांटा गया है। पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) कुपोषण को दूर करने के लिए भारत सरकार की चल रही प्रतिबद्धता के तहत 8 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक पोषण पखवाड़ा का 7 वां संस्करण मनाने जा रहा है। इस वर्ष के पोषण पखवाड़े में चार प्रमुख थीमों पर जोर दिया गया है। जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान, पोषण ट्रैकर के लाभार्थी, नागरिक मॉड्यूल का लोकप्रियकरण, CMAM के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में मोटापे को दूर करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली।
महिला बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी समीर पाण्डेय ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहल पोषण अभियान, कुपोषण से निपटने, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करने के अपने मिशन को जारी रखती है। इस वर्ष का पोषण पखवाड़ा विषय-वस्तु, वितरण, पहुंच और परिणामों को मजबूत करने में सहायक होगा। व्यापक मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के हिस्से के रूप में, यह पहल स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती और बीमारियों और कुपोषण के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
पोषण पखवाड़ा के माध्यम से राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए सहायता को मजबूत करने के उद्देश्य से चल रही पहलों का आकलन किया जा सके। यह यात्रा कल्याण सेवाओं में सुधार और कमजोर समूहों की सुरक्षा और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों के अनुरूप है।
परियोजना अधिकारी शैल नाविक ने पोषण पखवाड़ा सप्ताह में प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पोषण पखवाड़ा परिणामोन्मुखी होगा। इसका उद्देश्य घर-घर जाकर, सामुदायिक संपर्क कार्यक्रमों, पहचान अभियानों और गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर शिविरों के माध्यम से जमीनी स्तर पर पोषण परिणामों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना होगा। इसका उद्देश्य समुदाय को समग्र पोषण के बारे में शिक्षित करना, केवल स्तनपान और पूरक आहार को बढ़ावा देना और पोषण ट्रैकर के लाभार्थी/नागरिक मॉड्यूल को समुदाय के सशक्तिकरण और भागीदारी के साधन के रूप में लोकप्रिय बनाना है।
पोषण अभियान की शुरुआत के बाद से, देश भर में छह सफल पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। पोषण पखवाड़ा के दौरान आयोजित जन आंदोलन गतिविधियाँ इस मंत्रालय तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें एक मजबूत अभिसरण तत्व भी है जहाँ भागीदार मंत्रालय जैसे ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय आदि भी इस अवधि के दौरान विभिन्न कार्यक्रम/अभियान आयोजित करेंगे।
व्यापक सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से, पोषण पखवाड़ा 2025 प्रत्येक स्तर पर – व्यक्तिगत, सामुदायिक और राष्ट्रीय – पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अपने मिशन को जारी रखेगा और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप सुपोषित भारत को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगा। इस पोषण पखवाड़ा में महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक शीला प्रधान, कुंती यादव, स्कूल स्टाफ अयोध्या पंडा टिकेश्वरी साहू चुनेश्वरी साहू दीप मल्लिका कवर अनामिका टोप्पो नैमिष शोरी गोमती साहू चंपाबाई नेताम आदि शामिल रहें।