प्रेस क्लब महासमुन्द में कलेक्टर और जनसंपर्क अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित
महासमुन्द। प्रेस क्लब महासमुन्द की आपात बैठक सांस्कृतिक भवन में हुई। बैठक में जिला प्रशासन की अतिवादी कार्यप्रणाली पर रोष जाहिर करते हुए कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर और जिला जनसंपर्क अधिकारी शशिरत्न पराशर के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। उल्लेखनीय है कि महासमुन्द में समानांतर संगठन चला रहे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के आधा दर्जन लोगों द्वारा मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करने की धमकी जिला प्रशासन को दी गई है। इससे जिला प्रशासन भयभीत होकर चंद लोगों के दबाव में काम कर रही है। बिना पूर्व सूचना के आनन-फानन में जिला प्रशासन की पांच सदस्यीय कमेटी जांच के नाम पर प्रेस क्लब पहुंच गई। जिला प्रशासन की टीम 20 जुलाई की शाम शिकायतकर्ताओ को साथ लेकर पहुंच थी। जहां कोरे कागज में उपस्थिति पत्रक तैयार किया। प्रेस क्लब में उपस्थित पत्रकारों की उपस्थिति पत्रक में हस्ताक्षर लिए। बाद में उसमें मनगढ़ंत पंचनामा तैयार कर 20 जुलाई की रात में प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंदराम पत्रकारश्री को व्हाट्सएप कर 22 जुलाई तक दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध कराने कहा। इस संबंध में प्रेस क्लब का प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिलकर चर्चा करना चाहते थे। 21 जुलाई को दोपहर में मिलने पहुंचे प्रेस क्लब के सदस्यों से कलेक्टर ने मिलने से इंकार कर दिया। अपर कलेक्टर लिंक कोर्ट में सराईपाली गए हैं, यह जानते हुए भी कलेक्टर ने दफ्तरी के मार्फत संदेश भेज दिया कि अपर कलेक्टर से मिलकर चर्चा कर लें।
पत्रकारों की अनदेखी कि निंदनीय
पत्रकार कलेक्टर के मीटिंग हाल से निकलने की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह जानते हुए भी प्रेस क्लब के 20-25 पत्रकारों की अनदेखी करते हुए कलेक्टर सीधा अपने बंगला चले गए। वरिष्ठ पत्रकार संजय डफले के द्वारा वाहन तक जाकर विशेष आग्रह करने पर भी कलेक्टर ने बात करने से भी इसरों में मना करते हुए चले गए। इसे लेकर मीडियाकर्मियों ने खासा रोष जताया । जिला प्रशासन की अतिवादी कार्यप्रणाली के विरोध में प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंदराम पत्रकारश्री ने प्रेस क्लब में निंदा प्रस्ताव रखा। जिसे ध्वनि मत से सभी पत्रकारों ने सर्वसम्मति से पारित किया। इसी प्रकार वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने सदन का ध्यानाकर्षण कराया कि जांच के नाम पर प्रेस क्लब पहुंचे सहायक संचालक (जनसंपर्क) शशिरत्न पराशर द्वारा वरिष्ठ पत्रकार जसवंत पवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जनसंपर्क अधिकारी के इस कृत्य के लिए निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। प्रेस क्लब महासचिव रविन्द्र विदानी द्वारा सभा का ध्यानाकर्षण कराया गया कि नगर पालिका के प्लेसमेंट कर्मचारी जयदेव सिंह खुद को पत्रकार बताते हुए प्रेस क्लब के विरुद्ध मनगढ़ंत शिकायतें कर रहे हैं। इसके लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही और सेवा से पृथक करने ज्ञापन कलेक्टर और सीएमओ को सौंपने प्रस्ताव पारित किया गया। प्रेस क्लब के विरूद्ध कुचक्र रचने की आशंका जाहिर करते हुए सभी पत्रकारों ने जिला प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। प्रेस क्लब की बैठक में प्रमुख रूप से बाबूलाल साहू, सालिकराम कन्नौजे, राकेश झाबक, संजय डफले, संजय महंती, के पी साहू, जसवंत पवार, पोषण कन्नौजे, रत्नेश सोनी, राजेश शर्मा, देवी चंद राठी, विपिन दुबे, दिनेश पाटकर, अजय पांडेय, उत्तरा विदानी, संजय यादव, आशुतोष शर्मा, रविन्द्र विदानी, प्रभात महंती, विजय चौहान, भरत लाल यादव, नवीन हिंडोचा, जितेंद्र सतपथी, विक्रम साहू, महेंद्र यादव, कुंजू रात्रे, सोहेल अकरम, अनिल चौधरी उपस्थित थे।
यह है मामला
प्रेस क्लब महासमुन्द की मांग पर सांसद, मुख्यमंत्री, विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष निधि से भवन, शौचालय, अहाता पार्किंग आदि का निर्माण किया गया है। इस पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कुछ लोगों की नजर है। समानांतर संगठन चला रहे लोग प्रेस क्लब के लिए निर्मित भवन पर कब्जा करने के ध्येय से जिला प्रशासन पर अनर्गल दबाव बना रहे हैं। मुख्यमंत्री के आगमन पर कार्यक्रम बहिष्कार की धमकी देकर प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है। चंद लोगों के इशारे पर जिला प्रशासन द्वारा पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। जांच की पूर्व सूचना दिए बिना ही अपर कलेक्टर, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, जनसंपर्क अधिकारी और सहकारी समिति के उपपंजीयक प्रेस क्लब में शिकायतकर्ताओं को लेकर पहुंच गए और उन्हें प्रेस क्लब में नियम विरुद्ध शामिल करने दबाव बनाने लगे। इससे प्रेस क्लब के सदस्यों में तीव्र रोष है।