बागबाहरा के प्रीमियम शराब दुकान में हो रही थी मिलावट
आबकारी विभाग ने किया औचक निरीक्षण

महासमुंद। जिले के बागबाहरा शहर के प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकान में हो रही थी शराब में मिलावट। जिला आबकारी विभाग की टीम ने दुकान बंद होने के पूर्व किया औचक निरीक्षण और शराब में मिलावट की हुई पुष्टि। दुकान के सेल्स में पर जिला आबकारी विभाग की टीम ने की कार्रवाई।
गौरतलब हैं कि बागबाहरा के प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकान में बेचे जाने वाले सरकारी शराब में मिलावट कर बेचे जाने की शिकायतें जिला आबकारी विभाग को लगातार मिल रही थी। आबकारी विभाग ने उपभोक्ताओं के शिकायत पर संज्ञान लेते हुए, टीम गठित कर बागबाहरा विदेशी शराब दुकान में दुकान के बंद होने के 15 मिनट पूर्व दबिश देकर शराब दुकान में रखे शराब के स्टॉक की जांच की तो जांचकर्ता अधिकारियों ने पाया कि सरकारी विदेशी शराब दुकान से बेचे जाने वाली शराब में मिलावट की गई थी।
आबकारी विभाग से मिली जानकारी अनुसार उड़नदस्ता तथा ग्राहकों द्वारा मदिरा में मिलावट करने संबंधी शिकायते लगातार प्राप्त हो रही थी। उक्त शिकायतों की जांच पर विभाग ने दुकान बंद होने की सूचना देने मुखबिर लगा रखी थी। मुखबीर की सूचना पर मदिरा दुकान बंद होने के लगभग 15 मिनट पूर्व मदिरा दुकान का औचक निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के मदिरा दुकान में उपलब्ध मदिरा स्कंध का भौतिक सत्यापन किया गया। भौतिक सत्यापन के समय मदिरा की प्रत्येक पेटियों को खोलकर मदिरा की शीशियों को देखा गया। स्टॉक मिलान पर मैकडॉवेल नं. 1 व्हिस्की की 24 नग बोतल (18 ब.ली.) एवं ऑफ्टर डार्क फाईन ग्रेन व्हिस्की की 12 नग बोतल (9 ब.ली.) कुल 36 बोतल (27 ब.ली.) के ढक्कनों में छेड़छाड़ पाये जाने पर पेटियों को अलग किया गया। ढक्कन ढ़ीले, होलोग्राम से छेड़छाड़ एवं आसानी से ढक्कन का खुलना पाया गया। ढक्कन की छेड़छाड़ से मिलावट के संदेह पर मदिरा की तेजी जांच किये जाने पर तेजी शासन द्वारा निर्धारित मानक 25.0° यू.पी. अनुरूप नहीं होना पाया गया, जिससे उक्त मदिरा में मिलावट करने की पुष्टि हुई। उक्त मदिरा में मिलावट के संबंध में पूछताछ किये जाने पर दुकान में उपस्थित कर्मचारियों में से मुख्य विक्रयकर्ता प्रेमसाहू, अमित शर्मा तथा मल्टीपर्पस वर्कर नितेश शर्मा द्वारा मदिरा में मिलावट किया जाना स्वीकार किया गया। उक्त अनियमितता के लिए उपस्थित कर्मचारियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर आरोप पत्र दिया गया तथा छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 (यथा संशोधन 2020) की धारा 38 (क) एवं 39 (ग) के तहत् प्रकरण कायम कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जमानत एवं मुचलका पर रिहा किया गया। उक्त प्रकरण प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी निधीश कोष्टी के मार्गदर्शन तथा सहायक जिला आबकारी अधिकारी दीपक कुमार ठाकुर के नेतृत्व में की गई। जिसमें आबकारी उपनिरीक्षक शिवशंकर नेताम, मुकेश कुमार वर्मा, अनिल झरिया, नीतेश सिंह बैंस तथा आबकारी आरक्षक संजय मरकाम, देवेश मांझी शामिल थे।