क्षुब्ध अनीता ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, कांग्रेस को एक और बड़ा झटका
महासमुंद। महासमुंद कांग्रेस पार्टी की कद्दावर और समर्पित नेत्री अनिता रावटे ने लगातार हो रही उपेक्षा से छुब्द होकर आखिरकार कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और महिला आयोग की सदस्यता से त्यागपत्र दे कर सबको चौंका दिया है। अनिता रावटे के त्यागपत्र देने से उनके सैडको कार्यकर्ताओं हताशा निराशा के साथ साथ आक्रोश देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि अनिता जार्ज रावटे ने अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी रायपुर, छत्तीसगढ़ को अपने त्याग में लिखा है कि वर्ष 1994 से कांग्रेस पार्टी की सक्रिय, निष्ठावान और समर्पित सदस्य रही हूँ। वर्ष 1995 से 2000 तक अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, महासमुन्द के साथ ही साथ आज दिनांक तक कांग्रेस संगठन के जमीनी स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी को मजबूत बनाने के लिए निरन्तर पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मेहनत करती रही हूँ।
उन्होंने आगे लिखा ही कि प्रदेश महिला कांग्रेस में मेरे अध्यक्षीय कार्यकाल में लगातार संर्घष के फलस्वरूप 15 वर्षों की भाजपा सरकार को हराकर, प्रदेश में 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं के वोटों से कांग्रेस पार्टी को जीत मिली। कार्यकर्ताओं के संगठित होकर कार्य करने से ही पूर्ण बहुमत के साथ यह जीत हासिल हुई ! इस तत्थ को एक सिरे से नकार दिया गया। विगत विधानसभा और वर्तमान लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी चयन में भी यह स्पष्ट कर दिया कि संगठन में अनुशासन और सहभागिता का स्थान व्यक्तिगत पंसद व नापसंद ने ले लिया है।
कांग्रेस पार्टी की जिस विचारधारा, लोकतांत्रिक सिद्धांत और संगठनात्मक ढ़ांचे की मजबूती से प्रभावित होकर 30 वर्ष पूर्व मैने चुना था, वो सब शनै: शनैः लोप हो रहा है। अनेको बार इस विषय पर शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं का ध्यान मैने आकर्षित करने का प्रयास किया किन्तु असफलता ही मिली।
*कांग्रेस पार्टी में अपनी उपेक्षा पर उपेक्षा और अपमान पर अपमान ! जो चरम सीमा पार कर गया। बीते वर्षों के घटनाक्रमों ने इस बात की भी पुष्टि कर दी है कि, कांग्रेस पार्टी को मुझ जैसे अल्पसंख्यक वर्ग के निष्ठावान और अनुभवी कार्यकर्ता की अब आवश्कता नही है। अतः कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से मै त्यागपत्र दे रही हूँ।*