महासमुंद टाइम्स

डीएसपी ने भेजा 10 लाख रूपए के मानहानि का नोटिस

डीएसपी ने कहा छबि धूमिल करने की साज़िश है

महासमुंद। कोरबा के एक न्यूज पोर्टल में एक खबर लगने के बाद से पूरे प्रदेश में उप पुलिस अधीक्षक कोंडागांव लितेश सिंग पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है।

क्या है मामला जिसकी वजह से उप पुलिस अधीक्षक को कोरबा से संचालित हो रहे वेब पोर्टल के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजना पड़ा। 

मामला है 2022 का जब लितेश सिंग कोरबा में पदस्थ थी। उस वक्त एक मामले को लेकर तत्कालीन भाजपा नेता और वर्तमान के वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ शासन ओपी चौधरी के खिलाफ़ पुलिस में मामला दर्ज किया गया था। तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी। कोरबा में हुए एफआईआर की चर्चा उन दिनों पूरे प्रदेश में हुई और समाचार पत्रों ने भी मामले को प्रकाशित किया था।

गौरतलब है कि कोरबा के एक कथित वेब पोर्टल अपने पोर्टल पर उप पुलिस अधीक्षक लीतेश सिंग को लेकर 21 जून को एक भ्रामक समाचार प्रसारित किया। जिस पर उप पुलिस अधीक्षक कथित वेब पोर्टल के संपादक पर 10 लाख का मानहानि का नोटिस अपने वकील के माध्यम से भेजा है और कथित वेब पोर्टल के संपादक से 2 दिनों के भीतर जवाब मांगते हुए, 21 जून को प्रकाशित समाचार को पोर्टल से डिलीट करने व भ्रामक समाचार के लिए माफ़ी मांगने कहा है।

उक्त मामले में क्या कहते हैं हाई कोर्ट के वकील 

अधिवक्ता कुलेश साहू का कहना है कि अनिल द्विवेदी और उनके साथी पोर्टल्स ने ipc 499 और Digital Media Ethics code 2021 के नियमो का स्पष्ट उल्लंघन किया है, जिस पर कार्यवाही करते हुए नोटिस दिया गया है। यह खबर झूठी और दुष्प्रचार करने वाली है जो कि बीजेपी और ओ.पी. चौधरी के समर्थकों को मेरी क्लाइंट के खिलाफ भड़काने तथा उकसाने का प्रयास करती हैं तथा एक लोकसेवक पर राजनीतिक पक्षपात का, बिना किसी आधार के आरोप लगा कर उनकी राज्य सरकार की सेवाओ को प्रभावित करती हैं। यह उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन पर खतरा पैदा करने के गलत नियत से किये गए प्रयास है। इस पूरे मामले में नोटिस भेज दिया गया है जिसमें खबर को तुरंत हटाने और कृत्य पर माफी मांगते हुए जवाब देने के लिए 2 दिन का समय दिया गया है, जवाब के आधार पर आगे की कार्यवाही कि तैयारी कर ली गई है।

मामले में क्या कहती हैं उप पुलिस अधीक्षक लीतेश सिंग

डीएसपी सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि तत्कालीन समय में हुई FIR की कार्यवाही में कहीं भी मेरा नाम ही नहीं है, इसके साथ जिन्होंने भी FIR की कार्यवाही की वो लोग भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, ऐसे में लोक सेवकों की सेवाओं का राजनीतिकरण और राजनेताओं के नाम पर झूठी सनसनी फैलाने की हरकतें अस्वीकार्य है।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!