पिछले दो सालों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को, विभाग से मिला है तारिख पे तारिख..पढि़ए क्या है पूरा मामला
महासमुन्द। महिला बाल विकास और जिला प्रशासन ने खुद की वाहवाही सरकार के सामने बटोरने के लिए कम तनख्वाह में काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बलि का बकरा बना कर रख दिया है। पिछले दो साल से जिले भर की लगभग साढ़े तीन सौ आगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, महिला बाल विकास विभाग का अपने राशि के लिए चक्कर काट रही है लेकिन अब तक इनको इनकी राशि का भुगतान नहीं किया गया है। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के द्वारा योजनाओं में कमिशन खोरी कोई नई बात नहीं रह गई है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा इतना ही नहीं किया गया। इस विभाग ने समितियों से सुपाषेण लड्डू भी बटवा लिया है जिसका भुगतान पिछले दो साल से नहीं हुआ है
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गौरतलब है कि महासमुन्द जिले में मार्च 2019 में सुखा राशन बांटा जा रहा था। आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिला समितियों को सुखा राशन वितरित करना था लेकिन महिला समितियों ने सुखा राशन वितरण नहीं किया। समितियों की सुखा राशन वितरण नहीं करने की वजह थी की सामानों के दाम अधिक थे और लाभ कम, इस वजह से समितियों ने सुखा राशन आंगनबाड़ी केन्द्रों को देना बंद कर दिया। शासन की योजनाओं को फलीभूत करने महिला बाल विकास के अधिकारियों ने एक रणनीति बनाई और सुखा राशन आंगनबाड़ी केन्द्रों में बांटने के लिए आंगनबाड़ी की महिला कार्यकर्ताओं को बलि का बकरा बना दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अधिकारियों की बात मान कर स्वयं के मानदेय से सुखा राशन खरीद कर अपने-अपने केन्द्रों में बांटना शुरू कर दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपना मानदेय यह सोच कर लगा दिया कि उससे होने वाला लाभ उन्हें मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार आयेगा। लेकिन उनकी सोचे उन तक ही रह गई और सन 2019 मार्च से 2021 मार्च तक सुखा राशन वितरण किया गया। इस योजना पर जिले के पांचों ब्लॉक की महिलाओं ने अपने तनख्वाह की राशि लगा कर इस सुखा राशन की योजना को सफल बना दिया। महिला बाल विकास विभाग को जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने राशि भुगतान की मांग जब कि तो उन्हें विभाग ने जानकारी दी कि फाईल चल गई है। शासन से राशि आने के बाद सब का भुगतान कर दिया जायेगा। प्राप्त जानकारी दी है कि पिछले दो सालों से विभाग उन्हें राशि की भुगतान के लिए सैकड़ो बार उनसे फार्म भरवाया गया, परन्तु अब तक भुगतान नहीं हो सका है। कम तनख्वाह में काम करने वाली जिले की लगभग 350 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की राशि का भुगतान विभाग द्वारा अब तक नहीं किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग से सिर्फ पिछले दो साल से आश्वासन बस मिल रहा है कि एक दो महिनों में जिले भर की महिलाओं की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह भी जानकारी दी है कि जिले में 350 महिलाओं का लगभग 35 लाख रुपए भुगतान का बचा हुआ है। प्रत्येक महिलाओं का 10 हजार रूपए से अधिक की राशि सुखा राशन योजना में अधिकारियों ने फंसवा दिया है।
महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिन्हा ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले दो साल से सुखा राशन का भुगतान इसलिए नहीं हो सका है कि कुछ सेन्टरों से कुछ डाटा कलेक्ट नहीं हो पाया है। दो-चार दिन में डाटा कलेक्ट कर जिला पंचायत विभाग को सौंप दिया जायेगा और 15 दिन के भीतर ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और समितियों को उनका भुगतान कर दिया जायेगा।