इगो हर्ट हो गया….आ रहा हूं थाने में वहीं रूक
तेरे कलेक्टर को बोल मेरे एस पी से बात करे...
बिलासपुर। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तहसीलदार और तहसीलदार के साथ पुलिसिया मारपीट की शिकायत का मामला प्रकाश में आया है। तहसीलदार ने बिलासपुर कलेक्टर को मामले में लिखित शिकायत कर सरकंडा थाना प्रभारी और आरक्षकों पर कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के जिला बस्तर के करपावंड के प्रभारी तहसीलदार ने बिलासपुर कलेक्टर को अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि मैं 16/11/2024 को रायपुर से बिलासपुर हावड़ा सु. फा. एक्सप्रेस ट्रेन न 12833 से अपने निवास स्थान आ रहा था । 17 नवम्बर रात्रि 1:35 AM पर स्टेशन से मेरे भाई एवं पिता के साथ घर जा रहा था। रास्ते में DLS college के हनुमान मंदिर के पास 2 पुलिसवाले खड़े थे, उनके द्वारा हमें रुकने हेतु कहा गया, तब हम लोग अँधेरा होने के कारण 5 मीटर दूरी पर रुके तथा रुकते ही दोनों पुलिसवालों ने हमें अपने पास बुलाया और आते ही हम को अलील गाली देने लगे की हम रुकने के लिए बोले रहे है। गाली देते हुए मा…..तो रुके क्यों नहीं। तब हम लोग बोले कि आपके कहने के आधार पर ही हम लोग रुके है। उस समय रात्रि के लगभग 2: 10 बज रहे थे | दोनों पुलिस वाले शराब के नशे में प्रतीत हो रहे थे। तब मेरे द्वारा कहा गया कि हम लोग शरीफ घर से है मैं स्वयं नायव तहसीलदार हूं और बस्तर जिले के करपावंड तहसील में पदस्थ हूं। तब दोनों पुलिस वालो के द्वारा 112 पेट्रोलिंग गाड़ी को फ़ोन करके बुला लिए, जो आये उनसे मैंने फिर वहीं कहा कि मैं बस्तर जिले में नायब तहसीलदार हूँ मुझसे उचित व्यव्हार करे। तब उन्होंने थाना प्रभारी सरकंडा तोपसिंग नवरंग से फ़ोन पर बात की। उसके पश्चात् मेरे पिताजी को घर जाने कहा और मुझे थाना में थाना प्रभारी सर मिलना चाह रहे है कहकर मुझे गाड़ी में बैठाया। गाड़ी में मेरे अतिरिक्त तीन अन्य लोग थे। उन्होंने मुझसे दुर्व्यवहार करते हुए कहा ही अबे चूतिये ज्यादा बड़ा मजिस्ट्रेट हो गया है तेरे जैसे को हमने ठीक कर दिया है पुलिस वाले से नहीं उलझना चाहिए था, मैं शांत था, सभी नशे में प्रतीत हो रहे थे। चुकी सभी ठंड के कारण वर्दी के ऊपर काले रंग का कुछ पहने थे अतः मैं उनकी रैंक नहीं देख पाया । कुछ देर बाद थाने पहुंचे। मुझसे मेरा ID माँगा गया, चुकी physical id मेरे पास नहीं था तो मैंने फ़ोन में उसका फोटो दिखाया, उसे देखकर कुछ नोट करने लगे। वहा एक चश्मा पहने पुलिस वाले ने एल्कोहल मीटर मेरे मुह के पास लाया और बोला कि उसे फूंको। मैं उसमे फूंका तब उसमे कुछ नहीं बताया, उसने मुझसे ऐसा दो बार ऐसा ही और करने बोला। उसके बाद एक पुलिस वाले ने पहले स्वयं उसमें फूंका फिर तुरंत मुझे फूंकने बोला । मैंने फेंक दिया| उसके बाद मुझे ले गए चश्मा पहने पुलिस वाले ने माँ बहन की अलील गाली देते हुए कहा कि मा…. द ज्यादा घमंड है। अभी शराब पिए हो का केस बनाता हूँ और आपस में बात करते हुए कहने लगे कि इसका मुलाहिजा रिपोर्ट तैयार कर रहा हूं जल्दी ले जाते है इसे। मुझे बोले बैठो मुलाहिजा कराने चलना है। जो रिपोर्ट तैयार कर मुझे मुलाहिजा कराने ले जा रहे थे मैंने उसे पढने के लिए माँगा जिसे देने से मना कर दिया गया तब मैंने उसे पढ़ कर सुनाने की लिए कहा तो भी मना कर दिया गया और बोले तू बैठ यहाँ हम साहब से बात करते है। तब मेरे द्वारा थाना प्रभारी सरकंडा तोपसिंग नवरंग को रात्रि लगभग 2: 39 पर कॉल किया गया और पूछा मुझे थाने क्यों लाया गया है मैंने क्या गलती की है। तब थाना प्रभारी मुझसे पूछा कौन हो। तब मैंने बताया कि नायब तहसीलदार हूँ और करपावंड तहसील में पदस्थ हूँ, सरकंडा अशोक नगर में रहता हूँ, मेरे पिता और भाई मुझे स्टेशन से लेकर घर आ रहे थे तब थाना प्रभारी तोपसिंग नवरंग के द्वारा कहा गया तू रूक मैं थाने आ रहा हु फिर बताता हूँ। कुछ देर में वह आया और अपने स्टाफ से बात करने लगा फिर मेरी ओर देखकर बोला कि तू ही है, चल खड़े हो। गाली देते हुए मा…. द बहुत बड़ा कार्यपालिक मजिस्ट्रेट है तेरी मजिस्ट्रेटी अभी गा…. में भरता हूं। इसके बाद मुझे धक्का देते हुए और अन्य अश्लील गाली देते हुए गाड़ी में जबरदस्ती बैठा दिया गया। फिर मेरे पिता जी का कॉल आया। थाना प्रभारी ने तुरंत बोला इसका मोबाइल जब्त कर और मुझसे मेरा मोबाइल छीन लिया गया। मुझे गाडी में बैठाकर मुझे सिम्स हॉस्पिटल लेकर गए । वहा डॉक्टर जो रात्रि में ड्यूटी में थे उससे कहा इनका मुलाहिजा करो शराब पिया हुआ है। तब मेरे द्वारा उनसे कहा गया कि पहले मेरे घर वालो को बुला दो उनके सामने मेरा मुलाहिजा करवाओ क्यूंकि आप लोग मुझे फर्जी केस में फसा दोगे | तब वे लोग एक आदमी मेरे पास खड़ा कर 2 लोग अंदर चले गए मैं हॉस्पिटल के बाहर ही बड़ा था | तब बिना मेरा मुलाहिजा करवाए वे लोग मुझे सरकंडा थाना ले आये। इन सब घटनाक्रम के मध्य मेरे घर न पहुंचने के कारण मेरे पिता और भाई भी तब तक याने आ गए । जहा थाना प्रभारी तोपसिंग नवरंग मेरे भाई से गाली गलोच करने लगा। तब मेरा भाई बोला कि हम लोग सभ्य परिवार से है अपराधी नहीं है। बिना गलती के आप लोग थाने में बैठाकर रखे है। मेरे भाई ने रात्रि 3:23 पर बिलासपुर कलेक्टर सरको फ़ोन लगाकर घटना के संबंध में जानकारी दी तब कलेक्टर माहब बोले की थाना प्रभारी से मेरी बात कराओ। कलेक्टर साहब एवं थाना प्रभारी की बात हुई। बात करने के पश्चात् थाना प्रभारी ने कहा कि मेरा अधिकारी SP है मैं सिर्फ उनका ही कहना मानूंगा और बोलने लगा तेरे कलेक्टर को बोल SP से बात करे, उसके पश्चात् रात्रि में फिर से मेरे भाई को गाली देने लगा। मेरे भाई तब विडियो बनाने लगा, तब थाना प्रभारी के कहने पर 4-5 आरक्षक भाई के साथ माँ बहन की गाली देने लगे था हाथ मरोड़ कर मारपीट करते हुए मोबाइल छीन लिए तथा मेरे भाई के मोबाइल में जितने भी विडियो एवं अन्य शासकीय दस्तावेज थे सबको डिलीट कर दिए | फिर रात्रि लगभग 4:21 पर हमको घर जाने हेतु बोला और हमारा मोबाइल भी वापस किया गया | तब हम लोग घर आ गए । थाना प्रभारी सरकंडा तोपसिंग नवरंग एवं अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा शासकीय सेवक के साथ बिना किसी गलती के मौ बहन की अश्लील गाली गलोच की गयी, जान से मारने की धमकी दी गयी तथा झूठे केस में फ़साने की धमकी दी गयी है। मुझे डर है कि थाना प्रभारी सरकंडा तोपसिंग नवरंग के द्वारा किसी झूठे केस में मुझे फसा न दे। महोदय मैं अपने जीवन में न तो पान गुटका खाया हूँ, न ही कभी शराब पिया हूँ। थाना प्रभारी सरकंडा तोपसिंग नवरंग एवं अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा मेरे साथ किये गए दुर्व्यवहार से मैं और मेरा परिवार काफी डरा और सहमा हुआ है तथा हम लोग मानसिक रूप से काफी आहत है। हम लोग एक संश्वात परिवार से है तथा शासकीय सेवक के तौर पर अपनी सेवाए दे रहे है तथा थाना प्रभारी सरकंडा एवं अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा किये गए दुर्व्यवहार से मैं काफी दुखी एवं आहत हूँ। मेरा निवेदन है कि उनके विरूद्ध तत्काल प्रथम सूचना दर्ज करते हुए उनके विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही किया जावे ।