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Video News घोषणा पत्र में किये वादे सरकार ने नहीं निभाये तो होगा प्रदेश व्यापीय आंदोलन-सुधा रात्रे


महासमुन्द। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने अपनी 10 अलग-अलग मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। कर्मचारी संघ ने कलेक्ट्रेट कार्यलय पहुंच कर अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश भर में राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस आयोजित कर सभी जिलों में राज्य कर्मचारी संघ अपनी लम्बित मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट को ज्ञापन देने पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर राज्य सरकार से अपनी पांच मांगे सरकार के शासने रखी है। कर्मचारी संघ ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते महंगाई के बावजूद राज्य कर्मियों को जुलाई 2019 के लंबित 5 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है। सामान मंहगाई में केन्द्रीय कर्मचारियों को 17 प्रतिशत तथा राज्य कर्मचारियों को 12 प्रतिशत मंहगाई भत्ता विगत 2 वर्षों से दिया जा रहा है। प्रतिदिन पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है। कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि शासकीय कर्मचारिायें एवं पेंशनरों के लंबित मंहगाई भत्ता एरियर्स सहित उन्हें तत्काल दिया जाय। पुरानी पेंशन योजना लागू करें। दैनिक वेतन भोगी संविदा, अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए, ठेका प्रथा समाप्त कर अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाय। कोविड काल में मृतक कर्मचारियों के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने की मांग की है। छत्तसीगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने केन्द्र सरकार के नाम अपने ज्ञापन में कहा कि शासकीय कर्मचारियों को पेंनशरों के लंबित महंगाई भत्ता एरियर्स सहित प्रदान करे. जन सेवा सेवाओं के विभागों में रिक्त पदों को नियमित कर्मचारियों की भर्ती करे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित करने की मांग की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र के अनुरूप आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित करें। सरकार द्वारा किये गये अपने घोषणा पत्र पर अगर अमल नहीं की जाती है तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के खिलाफ सडक़ की लड़ाई लडऩे के लिए विवश हो जायेंगी।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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