कानूनमहासमुंद टाइम्स

इसे जानना सबके लिए है जरूरी…

आईपीसी और सीआरपीसी की हुई छुट्टी, 1 जुलाई से देश में लागू 3 नए क्रिमिनल कानून, जानें क्या है खास

समय पर न्याय

* समय-सीमा निर्धारितः 3 साल में न्याय देने का प्रयास।

* तारीख पर तारीख से मिलेगी मुक्ति

* 35 सेक्शनों में टाइमलाइन जोड़ी गई

* इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शिकायत देने पर 3 दिन में FIR दर्ज

• यौन उत्पीड़न में जाँच रिपोर्ट 7 दिन के भीतर भेजनी होगी।

• पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय होंगे।

• घोषित अपराधियों के खिलाफ अनुपस्थिति की स्थिति में 90 दिनों के भीतर मुकदमा

• आपराधिक मामलों में मुकदमे की समाप्ति के 45 दिनों के अंदर निर्णय देना होगा।

 

नए आपराधिक कानून “दंड नहीं, न्याय केन्द्रित

* सामुदायिक सजा: छोटे अपराधों में

* भारतीय न्याय दर्शन के अनुरूप

* 5000 रुपए से कम मूल्य की चोरी पर कम्युनिटी सर्विसेज का प्रावधान

* 6 अपराधों में कम्युनिटी सर्विसेज को समाहित किया गया

 

महिलाओं और बच्चों के अपराध

* प्राथमिकताः महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध (पहले खजाने की लूट थी)

* BNS में ‘महिलाओं व बच्चों के प्रति अपराध’ पर नया अध्याय

* महिलाओं व बच्चों के अपराध से संबंधित 35 धाराएँ हैं जिनमें लगभग 13 नए प्रावधान है और बंकि में कुछ संशोधन

* गैंगरेप: 20 साल की सजा/आजीवन कारावास

* नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कारः मौत की सजा/आजीवन कारावास

* झूठा वादा/पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध है

* पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला अधिकारी के सामने ही रिकॉर्ड

* पीड़िता के अभिभावक की उपस्थित में होगा बयान दर्ज।

 

तकनीक का उपयोग

* विश्व की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बनानी है

* 50 साल तक आने वाली सभी आधुनिक तकनीक इसमें समाहित हो सकेंगी

• कम्प्यूटराइजेशनः पुलिस इन्वेस्टीगेशन से लेकर कोर्ट तक की प्रक्रिया

→ E-records

* जीरो FIR, ई-FIR, चार्जशीट… डिजिटल होगी

* 90 दिन में मिलेगी पीड़ित को जानकारी

• फोरेंसिक अनिवार्य: 7 साल या अधिक की सजा वाले मामलों में

• साक्ष्यों की रिकार्डिंगः जाँच-पड़ताल में साक्ष्यों की रिकार्डिंग को अनुमति

* वीडियोग्राफी अनिवार्यः पुलिस सर्च की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी

• E-बयानः बलात्कार पीड़िता के लिए E-बयान

• कोर्ट में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की जाएगी।

* E-पेशी: गवाहों, आरोपियों, विशेषज्ञों और पीड़ितों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेशी।

 

फॉरेंसिक को बढ़ावा

* फोरेंसिक अनिवार्य: 7 वर्ष या अधिक की सजा वाले सभी अपराध

• इन्वेस्टीगेशन में साइंटिफिक पद्धति को बढ़ावा

* कन्विक्शन रेट को 90% तक ले जाने का लक्ष्य

* सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में फोरेंसिक अनिवार्य

• राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर 5 वर्ष में तैयार होगा

* मैनपावर के लिए राज्यों में FSU शुरू करना

* फॉरेंसिक के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए जगह-जगह लैब बनाना

 

मॉब लिंचिंग

• पहली बार मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया

• नस्ल/जाति/समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा आदि से प्रेरित हत्या/गंभीर चोट मॉब लिंचिंग

• 7 वर्ष की कैद का प्रावधान

• स्थायी विकलांगता 10 वर्ष की सजा/आजीवन कारावास

 

विक्टिम सेंट्रिक कानून

• विक्टिम-सेंट्रिक कानूनों के 3 प्रमुख फीचर्स

1. विक्टिम को अपनी बात रखने का मौका

2. इनफार्मेशन का अधिकार और

3. नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति का अधिकार

* जीरो FIR दर्ज करने को किया संस्थागत

• अब FIR कहीं भी दर्ज कर सकते हैं

* विक्टिम को FIR की एक प्रति निःशुल्क प्राप्त करने का अधिकार

* 90 दिनों के भीतर जाँच में प्रगति की जानकारी

 

राजद्रोह को हटाना और ‘देशद्रोह’ की व्याख्या

* गुलामी की सभी निशानियों का समाप्त करना

* अंग्रेजों का राजद्रोह कानून राज्यों (देश) के लिए नहीं बल्कि शासन के लिए था

* ‘राजद्रोह’ जड़ से समाप्त

• लेकिन, देश विरोधी हरकतों के लिए कठोर सजा

• भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ कार्य पर 7 साल तक या आजीवन कारावास

 

पुलिस की जवाबदेही में इजाफा

* सर्च और जब्ती में वीडियोग्राफी अनिवार्य

• गिरफ्तार व्यक्तियों की सूचना देना अनिवार्य

* 3 वर्ष से कम कारावास/60 वर्ष से अधिक उम्र में पुलिस अधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य

* गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटों के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा

* 20 से अधिक ऐसी धाराएँ हैं जिनसे पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित होगी

* पहली बार Preliminary Enquiry का प्रावधान करा गया

*

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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