स्वस्थ्य विभाग के अनेक संगठन 4 जुलाई से करेंगे बड़ा आंदोलन
महासमुंद। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य जीवन दीप कर्मचारी कल्याण महासंघ, अनियमित स्वास्थ्य डी एम एफ अधिकारी कर्मचारी संघ,सी एच ओ संघ द्वारा लंबित विभिन्न 24 सूत्रीय मांगो के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अनियमित दैनिक वेतन भोगी, संविदा, मानदेय, पर कार्यरत 30-35 हजार से ऊपर अधिकारी – कर्मचारियों के नियमितीकरण, 62 वर्ष ज्वाब सिक्युरिटी के सरकार के जनघोषणा पत्र के अनुसार 4 वर्ष से लंबित मांगों को लेकर संयुक्त आंदोलन 4 जुलाई से छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य जीवन दीप/डी एम एफ महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार गुप्ता ने बताया है, कि छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रातांध्यक्ष आलोक मिश्रा के आहवान पर संघ के बैनर तले जीवन दीप/डी एम एफ/सी.एच.ओ संघ द्वारा प्रदेश के 33 जिला में संचालित मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, समस्त कैडर के नियमित, अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, कलेक्टर दैनिक दर, मानदेय के जीवन दीप/डी.एम.एफ/सी.एच.ओ. के हजारों-लाखों अधिकारी/कर्मचारीयों द्वारा अपने 24 सूत्रीय मांगों को लेकर तथा सरकार के 4 वर्ष पश्चात भी आज पर्यन्त तक लंबित जनघोषणा पत्र के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 के अनुसार अपने विभिन्न मांग जैसे नियमितीकरण, स्थाईकरण, 62 वर्ष ज्वाब सिक्युरिटी, छंटनी किये गये कर्मचारीयों की वापसी, आउटसोर्सिंग पुर्णत समाप्त, को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन करने जा रहे है, जिसमें डाॅक्टर, स्टाफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब मेडिकल टेक्नोलॉजीस्ट, फार्मेसिस्ट, तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के समस्त कर्मचारीयों जैसे आयुष्मान भारत डाटा एंट्री ऑपरेटर, कम्प्यूटर आपरेटर, अकाउंटेंट, लैब सहायक, डायलिसिस टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, चौकीदार, स्वीपर, सफाई कर्मचारी, भृत्य, एम्बुलेंस ड्राइवर, एवं अन्य समस्त अधिकारी कर्मचारी अधिकारी शामिल हैं, यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार और शासन प्रशासन हमारी जायज मांगों पर उचित निर्णय लेकर घोषणा कर नहीं देती, इस आंदोलन का उद्देश्य आम जनता एवं जनहित को को नुकसान पहुंचाना नहीं, जिसके लिए संघ क्षमा प्रार्थी है, और आम जनता से अपील करता है, कि आप सभी भी सरकार से अपिल करें, यदि हम सभी अधिकारी/कर्मचारियों के मांगों पर सरकार उचित निर्णय लेवे, यदि सरकार उचित निर्णय जल्द से जल्द नहीं लेती है, तो इस आंदोलन के साथ साथ भुख हड़ताल, अनशन, भी करेंगे, जिसका पुर्ण जिम्मेदार सरकार शासन प्रशासन होगा।