महासमुंद टाइम्स

शिव छोड़ा ना राम…सब को ट्रेडिंग कम्पनी के नाम पर ठग दिया यादराम

ठगी का शिकार हुए लोगों को पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन से है न्याय की उम्मीद

महासमुंद। भोरिंग निवासी यादराम साहू के खिलाफ पुलिस धोखाधड़ी की एक शिकायत के बाद और भी लोग पुलिस से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। ट्रेडिंग कम्पनी शेयर मार्केट में ब्याज में पैसा अधिक कमाने का लालच देकर कई शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों को करोड़ों रूपए का चुना लगा कर कर्ज में डूबो दिया है। यादराम साहू ने अपने भतीजे और अपने जीजा के साथ मिलकर महासमुंद जिले के कई लोगों से ठगी कर लिया है। अभी तीन दिन पहले शिव कुमार चेलक ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से मिलकर यादराम साहू और उसके भतीजे और जीजा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिव कुमार चेलक से प्रभावित हो कर अन्य लोग जो ठगी का शिकार हुए है सामने आ रहे हैं।

गौरतलब है कि रामनाथ विश्वकर्मा ग्राम राम खेड़ा खल्लारी निवासी ने पुलिस से शिकायत की है कि यादराम साहू, टुकेश कुमार साहू व झलकराम साहू, ग्राम भोरिंग व सीतारम वैष्णव ग्राम बम्हनी के द्वारा शेयर ट्रेडिंग में पैसा लगाने और पैसा कमाने का लालच दिया गया। वहीं यादराम साहू और उसके भतीजे टुकेश साहू ने भरोसा जितने के लिए स्टेम पेपर पर एग्रीमेंट करा कर तक दे दिया। रामनाथ विश्वकर्मा ने अपनी शिकायत में लिखा है कि यादराम साहू, दुकेश कुमार साहू ग्राम भोरिंग में मुलाकात हुआ इसी दौरान फोन नंबर भी आदान प्रदान किया गया। यादराम साहू और उनका भतीजा टुकेश साहू फोन पर बातचीत करने लगे और अचानक एक दिन टुकेश कुमार साहू ने मुझे काल करके बोला कि मैं शेयर ट्रेडिंग का कार्य करता हूं। मेरा आफिस केन्द्रीय विद्यालय के सामने महासमुंद में है। महासमुंद आओगे तो घूमने आना, एक दिन महासमुंद गया तो उनके कार्यालय घूमने चला गया, वहां पर टुकेश कुमार साहू व सीताराम वैष्णव बैठे हुए थे। उनके ऑफिस में कुछ देर बैठने के बाद दोनों ने मुझे अपने लेपटाप खोलकर दिखाया और बोला बहुत सारे लोग मेरे माध्यम से पैसा कमा रहे हैं। अगर आपको भी पैसा कमाना है तो आप भी दे दीजिये फिर मैंने कहा कि अगर घाटा हो गया तो कहां से दोगे तो दुकेश ने कहा कि अच्छा खासा हम लोगों का प्रापर्टी है। किसी दिन घर भोरिंग आ जाना टेंशन नहीं है और हमारे घर परिवार से मिल लीजिये फिर देना इस तरह बातचीत होने के बाद मैं अपना घर चला गया, फिर कुछ दिन के बाद दुकेश ने फोन किया और मेरे से पूछा तो मैंने कहा कि अभी पैसा नहीं है होगा तो बताता हूं। कुछ दिन बाद मैं पारिवारिक कार्य से भोरिंग गया हुआ था तो टुकेश के घर चला गया और उनके पिताजी झलकराम साहू, उनके चाचा चमनलाल साहू और यादराम साहू से मुलाकात हुआ। चर्चा के दौरान के दौरान इन लोगों ने कहा कि हमारा लड़का दुकेश अच्छा ट्रेडिंग कर रहा है आप निश्चिंत होकर पैसा दे दीजिये। मैंने जब सिक्युरिटी की बात किया तो चेक देने की बात की, जितना दोगे उतने का चेक दे देता हूं कहा और यादराम ने 7 प्रतिशत महीने का ब्याज देने की बात कही घाटा फायदा हमारा है बोला। फिर मैंने ग्रामीण कुटा बैंक व एल.आई.सी. से ऋण लेकर दो किश्तों में 774700 रुपये (सात लाख चौहत्तर हजार सात सौ रुपये) व 358000 (तीन लाख अन्ठावन हजार रुपये) इस तरह कुल 1132700 रुपये नगदी टुकेश और यादराम साहू को दिया हूं। इसके एवज में मुझे टुकेश ने अपना बंधन बैंक का दो चेक दिया। कुछ दिनों के बाद और पैसा हो जाने के बाद सीताराम वैष्णव को 1215500 (अक्षरी बारह लाख पन्द्रह हजार पांच सौ रुपये) नगद उनको भी दिया। देते समय टुकेश और यादराम साहू दोनों उपस्थित थे। दुकेश ने मेरा पैसा मिलने के बाद एक भी बार रिटर्न नहीं दिया है, जबकि सीताराम वैष्णव ने कुछ माह तक 7 प्रतिशत की दर से राशि वापस किया है, फिर इन दोनों ने मेरा फोन उठाना बंद कर दिया। आफिस गया तो आफिस भी बंद मिला। भोरिंग उनके घर गया तो टुकेश घर में नहीं मिला उनके पिताजी ने कहा कि आपका पैसा कहीं नहीं जायेगा हम लोग आपको देंगे। इस तरह जब भी इनके गांव जाते हैं तो आश्वासन ही देता है। चूंकि मैंने बैंक से लोन लेकर एवं खेत वगैरह को गिरवी रखकर पैसे दिया था इस कारण बैंक वाले लगातार परेशान कर रहे हैं। मैं बैंक का लोन नहीं पटा पा रहा हूं घर खर्चे के लिये दिक्कत हो रही है। घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं और छोटे छोटे बच्चे और घर में कमाने वाला मैं अकेला हूं। मैं मानसिक रुप से बहुत ही ज्यादा परेशान हूं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि लोगों को यादराम साहू और उसके भतीजे टुकेश साहू ने झांसे में लेने के लिए कई तरह के प्रलोभन और विश्वास जितने के किए एग्रीमेंट किया। कुछ लोगों के साथ पहले दोस्ती किया फिर पूरे परिवार को झांसे में लेकर अपनी ठगी का शिकार बना कर करोड़ों रूपए हासिल कर। कई परिवारों को बैंक का कर्जदार बना दिया हैं। बहरहाल मामले पुलिस ने अब तक कोई अपराध बंजीबद्ध नहीं किया है।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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