महासमुंद टाइम्ससामाजिक

60 साल से सड़क नहीं, नेताओं अफसरों ने नहीं ली सुध

सड़क ना होने की वजह से सैंकड़ों बच्चे 5वीं के बाद नहीं कर पाते हैं पढ़ाई

महासमुंद। कहने को तो आज हम 21वीं सदी में पहुंच गए हैं। कोई भी व्यक्ति आज यह नहीं सोच पाएगा के किसी गांव में पिछले 60 साल से सड़क नहीं बन पाई है। आज भी ग्रामीणों को कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। अपने आपको जनता का सेवक कहने वाले जनप्रतिनिधि और अफसरों को शर्मसार होना चाहिए के महासमुंद जिले के उन सैकड़ों परिवार को सड़क नहीं दिलवा सके। शासन प्रशासन की नाकामियों का खामियाजा बेलर ग्राम के ग्रामीण सह रहे है। ऐसा नहीं के इस गांव में कभी कोई नेता वोट मांगने नहीं गया है। नेता गए वोट भी मांगे, ग्रामीणों की बात भी सुने, लिखित में ग्रामीणों से आवेदन भी मांगे। पर सड़क नहीं बन पाया। सड़क विहीन इस गांव के ग्रामीण महिलाओं ने कहा। नेता तो आए चाय भी पी और खादा छोड़ चले गए।

हम बात कर रहे हैं बागबाहरा विकासखंड के ग्राम पंचायत अरंड के ग्राम बेलर की जहां शासन प्रशासन की अनदेखी की वजह से पिछले 60 वर्षो में पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। जिसके कारण ग्रामीणों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आक्रोशित ग्रामीण महिलाओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच कर शासन प्रशासन के खिलाफ काम कर नारेबाज़ी करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।

गौरतलब है कि बागबाहरा विकासखंड के ग्राम पंचायत अरंड के ग्राम बेलर में विगत 60 वर्षो में पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है, जिसके कारण ग्रामीणों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गांव में बीमार व्यक्ति को ले जाने के लिए सरकारी वाहने 108,102 नहीं आ पाता है जिसके कारण मरीजो को अपने सुविधा के अनुसार साइकल,खटिया आदि में उठाकर ग्राम मोहंदी के सड़क तक ले जाना पड़ता है। मरीजो को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण उनकी अकाल मौत हो जाती है।

पक्की सड़क नहीं होने के कारण गांव के अधिकतर बच्चे कक्षा पांचवी के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं क्योंकि बरसात मे खेत के टेड़ेमेढे पार से होकर जाना पड़ता है इसलिए पालक अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजते हैं जिसके कारण छात्रों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है।

गांव में सड़क बनाने की मांग ग्रामीणों द्वारा कई वर्षों से जनप्रतिनिधियों से करते आ रहे है लेकिन ग्रामीणों की उपेक्षा की गई। ग्रामीणों को सड़क की सुविधा नही मिल पा रही है।  शासन प्रशासन की अनदेखी से नाराज़ ग्रामीणों ने आरपार की लड़ाई लड़ने की ठान ली है। आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि अब सड़क नहीं बनी तो होगा चक्काजाम, गांव पहुंचने वाले नेताओं को सिखाएंगे सब और करेंगे आंदोलन।

कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे ग्रामीणों में सुखबती,तुलसी बाई,फूलबाई, रामबाई, चंद्रिका, सोनबाई,पार्वती, बसंता, कुंती, शकुंतला, चंद्रकला, यशोदा आदि के अलावा बड़ी संख्या मे महिलाए मौजूद थी।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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