महासमुन्द। ग्राम छिलपावन निवासी ललित कुमार पटेल ने राजस्व अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। प्रेस क्लब महासमुन्द में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि वे ग्राम छिलपावन (झलप) में मिले आबादी पट्टे की जमीन पर हक की लड़ाई लड़ते थक गए हैं। अफसरों से लेकर मंत्री तक मामले की सप्रमाण शिकायत किया। बावजूद इस बड़ी गड़बड़ी की जांच-कार्यवाही नहीं हो रही है। राजस्व विभाग के मैदानी अमले द्वारा की गई बड़ी गड़बड़ी को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे आबादी जमीन पर मकान, बाड़ी बनाने को लेकर विवाद हो रहा है। उन्होंने बताया कि गांव के ही एक परिवार से मिलीभगत कर वर्ष 2001-02 में मिले आबादी पट्टा की जमीन में गड़बड़ी की गई है। उन्होंने अपने विधिक सलाहकार के हवाले से बताया है कि कूटरचित दस्तावेज के लिए भादवि की धारा 120,420,467 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने शिकायत पत्र दिया है। शासकीय आबादी भूमि को हड़पने के लिए खसरा पांचसाला में सफेदा लगाकर कूटरचना की गई है। जबकि, राजस्व रिकार्ड में कभी भी सफेदा लगाकर सुधार नहीं किया जाता है।दस्तावेजों और पीड़ित किसान ललित कुमार के अनुसार प्रथम दृष्टया वर्ष 2003-04 में खसरा नम्बर 223/1 का रकबा 0.39 हेक्टेयर था। जिसमें सफेदा लगाकर वर्ष 2007-08 में 0.19 कर दिया गया है। वहीं खसरा नम्बर 223/2 के रकबा को 0.06 से बढ़ाकर 0.26 हेक्टेयर कर दिया गया है। वर्ष 2008-09 से 2012-13 के खसरा पांचसाला में सफेदा लगाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया है। मामले की शिकायत गृहमंत्री, कलेक्टर, एसपी सहित उच्चाधिकारियों को करते हुए न्याय के लिए गोहर लगाई है।