सामाजिक

गोवा मुक्ति संग्राम में हमारे पुरखों का भी रहा है महत्वपूर्ण योगदान- भूपेश बघेल

 

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों के त्याग और बलिदान को किया नमन

सत्याग्रहियों के परिवारजनों को किया सम्मानित

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोवा मुक्ति संग्राम में हमारे पुरखों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। देश की आजादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के लोगों ने जिस तरह योगदान दिया, उसी तरह गोवा के मुक्ति संग्राम में भी छत्तीसगढ़ के योद्धाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अंतर्गत पूरे देश में मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम में गोवा मुक्ति संग्राम में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों के त्याग और बलिदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस समारोह में छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों के परिवारजनों को सम्मानित भी किया ।
श्री बघेल ने आगे कहा कि गोवा से पुर्तगालियों को खदेड़ने के लिए वीर शिवाजी और सम्भाजी ने प्रयास किया आगे चलकर गोवा को मुक्त कराने के लिए डॉ.राम मनोहर लोहिया और श्री मधुलिमिये सहित हमारे अनेक नेताओं ने भी प्रयास किया। छत्तीसगढ़ के पुरखों ने भी गोवा मुक्ति के लिए देश के लोगों के साथ अपनी भागीदारी दी। लगभग 150 सत्याग्रहियों का दल गोवा गया। इस दल में ठाकुर हरिनारायण सिंह, नंद कुमार पाठक,  मोजेस मूलचंद, शरद कुमार रायजादा,  बालाराम जोशी,  हरि प्रसाद शर्मा,  गांधी राम साहू अग्रिम पंक्ति के नेता थे। आगे चलकर सत्याग्रहियों की संख्या 530 पहंुच गई। गोवा में सत्याग्रहियों ने पुर्तगालियों के अनेक प्रकार के अत्याचार और यातनाएं सहीं, गिरफ्तारियां भी दी। अंत में पुर्तगालियों के 450 साल के शासन की समाप्ति हुई।
मुख्यमंत्री ने गोवा मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों में से ऐसे सत्याग्रही जिन्हें केन्द्रीय सम्मान निधि नहीं मिल रही है, उन्हें सम्मान निधि दिलाने और भूमि आबंटन करने की मांग का परीक्षण कराकर आवश्यक पहल करने के लिए आश्वस्त किया।
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों का गोवा मुक्ति संग्राम में भाग लेना हम सब के लिए गर्व का विषय है। छत्तीसगढ़ से इतनी दूर गोवा जाकर गोवा की आजादी के लिए संघर्ष करना हमारे लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने सत्याग्रहियों के योगदान को याद करते हुए नमन किया। संस्कृति सचिव  अन्बलगन पी. ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सत्याग्रहियों ने देश के विभिन्न हिस्सों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। यहां के सत्याग्रहियों ने अब्दुल रहमान फारूखी के नेतृत्व में गोवा मुक्ति संग्राम में भाग लिया। गोवा पहुंचचकर सत्याग्रहियों ने पुर्तगाली पुलिस का डटकर मुकाबला किया। उनका यह संघर्ष प्रेरणास्पद है। 1955 से शुरू हुआ यह संघर्ष लगभग 6 वर्ष तक चला। अंत में 19 दिसम्बर 1961 को गोवा भारत का अंग बना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के तीन वर्ष आज पूरा हो रहा है। ऐसे मौके पर गोवा मुक्ति संग्राम के सत्याग्रहियों के परिवारजनों को सम्मानित करने का उन्हें सौभाग्य मिल रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में गोवा मुक्ति संग्राम के सत्याग्रही स्वर्गीय ठाकुर हरिनारायण सिंह के पुत्र आशीष सिंह ठाकुर तथा पौत्र उपमन्यु सिंह, स्वर्गीय नंद कुमार पाठक के पुत्र  संजय पाठक और पुत्रवधु  संध्या पाठक, स्वर्गीय मोजेस मूलचंद के पुत्र मुकेश मोजेस और पुत्रवधु  एलिजा शैलेष मोजेस, स्वर्गीय शरद कुमार रायजादा के पुत्र शिवेन्द्र रायजादा और पुत्रवधु  निशा रायजादा, स्वर्गीय बालाराम जोशी के पुत्र  घनश्याम जोशी और पुत्रवधु  हर्ष जोशी और स्वर्गीय गांधी राम साहू के पुत्र सुभाष चंद साहू और पौत्र आलहा राम साहू को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!