रिश्वतखोरी के आरोप में रीडर हुआ निलंबित, वीडियो के वायरल होने के बाद से रीडर हुआ अंडर ग्राउंड
महासमुंद। गरीब किसान से रिश्वत ले कर गुलछर्रे उड़ान वाले रिश्वतखोर को कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने किया निलम्बित। डायवर्सन, नामांतरण के नाम पर राजस्व विभाग में काली कमाई करने की शिकायत लगातार मिलते रहती है। बावजूद इसके कभी कोई कार्रवाई के ना होने से रिश्वत खोर आधिकारी कर्मचारियों के हौसले बुलंद हो रहे है। इसी का नतीजा है के एक गरीब किसान को वीडियो रिकॉर्डिंग कर वीडियो वायरल करना पड़ा तब कहीं जा कर मात्र निलंबन की कार्रवाई की गई।
गौरतलब है कि महासमुंद जिले के बागबाहरा एस डी एम के रीडर का कार्यालय के भीतर रिश्वत लेते हुए विडियो वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होते ही एस डी एम ने दिए जांच के निर्देश। मामला मीडिया तक पहुंची उसके बाद मामले ने तुल पकड़ लिया। प्रशासनिक दफ्तरों में चल रहे भ्रष्टाचार का ये कोई पहला नही है।
मालूम हो कि अमलीडीह का एक किसान जगदीश प्रसाद निषाद से 95 डिसमिल खेती की जमीन का डायवर्सन कराने बागबाहरा एस डी एम के रीडर रोशन लाल सोनी से मिला। जिस पर रीडर ने डायवर्सन के लिये 80 हजार रूपये की माँग की । गरीब किसान के पास रिश्वत देने रकम नहीं थे। लेकिन बिना रिश्वत डायवर्सन ना होने की स्थिति में किसान ने अपने खेत को तीन साल के लिये रेघा पर दे कर 30 हजार रूपये रीडर के लिए जुगाड किया। किसान रीडर के व्यवहार से क्षुब्ध हो चुका था। वायरल वीडियो में साफ साफ देखा जा सकता है कि रीडर ने 30 हजार लेने के बाद भी और 10हजार रुपए देने की मांग कर रहा है। जिस पर किसान 10 हजार और नही देने की बात भी कह रहा है जिस पर रीडर बाद में 10 हजार देने की बात कह रहा है। पीड़ित किसान अपने ऊपर हो रहे अत्याचार का वीडियो बनाया और उसे सोसल मीडिया पर ने वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद से रोशन सोनी कार्यालय नही आ रहे है और उनका फोन भी बंद है । प्रशासन को शर्मसार करने वाले वायरल वीडियो के बाद एसडीएम उमेश कुमार साहू ने विडियो की जाँच कराकर कार्यवाही करने की बात कही थी। जिस पर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने निलम्बन की कार्रवाई की है। वही वीडियो वायरल होने के बाद किसान को धमकाया डराने की बात भी सामने आ रही है।