कन्हैयालाल का मर्डर करने वाले एक आरोपी रियाज अत्तारी के भाजपा से संबंध
राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या के मामले में अब कई पेंच फंस सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले की एनआईए जांच कराने के त्वरित आदेश पर सवाल उठा दिए हैं। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को एक प्रेसवार्ता में साफतौर से कहा है, आखिर वो कौन सा डर था कि जिसके चलते गृह मंत्रालय को इस केस की जांच एनआईए को सौंपनी पड़ी। कन्हैयालाल का मर्डर करने वाले एक आरोपी रियाज अत्तारी के भाजपा से संबंध रहे हैं, अब ये भेद खुल चुका है। सोशल मीडिया पर सारे देश ने इन संबंधों को देख लिया है। बतौर पवन खेड़ा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी ने भी शुरू में इस केस की एनआईए जांच का स्वागत किया था, लेकिन आरोपी की भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल होने के बाद अब उस जांच पर सवाल उठने लगे हैं। सीएम अशोक गहलोत इस मामले पर नजर रखे हुए हैं, वे कानून के अनुसार सही समय पर जरूरी कदम उठाएंगे। इस केस में खास बात ये है कि दोनों आरोपी, 48 घंटे से ज्यादा समय तक राजस्थान पुलिस की हिरासत में रहे हैं। उनसे कथित पूछताछ हुई है।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ ने कहा, सोशल मीडिया में यह खुलासा भी हुआ है कि केस का मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी, राजस्थान भाजपा के कद्दावर नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया के कार्यक्रमों में अकसर भाग लेता था। कटारिया वही व्यक्ति हैं, जिनका सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की चार्जशीट में नाम आया था। कांग्रेस पार्टी ने यह खुलासा करने से पहले काफी रिसर्च की है। आरोपी रियाज कब से भाजपा के संपर्क में था और किन नेताओं के साथ उसके संबंध थे, आदि। एक मीडिया ग्रुप के द्वारा बेहद सनसनीखेज खुलासा किया गया है। इस खुलासे में उदयपुर में कन्हैयालाल की जघन्य हत्या का मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी, भाजपा के दो नेताओं इरशाद चैनवाला एवं मोहम्मद ताहिर के साथ तस्वीरें खिंचवा रहा है। केवल इतना ही नहीं, मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी, भाजपा की राजस्थान अल्पसंख्यक इकाई की बैठकों में शामिल होता रहा है, अब वह तस्वीरें दुनियाभर के सामने हैं।
फेसबुक पर भाजपा नेता इरशाद चैनवाला के 30 नवंबर 2018 एवं मोहम्मद ताहिर के 03 फरवरी 2019, 27 अक्टूबर 2019, 10 अगस्त 2021, 28 नवंबर 2019 एवं अन्य पोस्टों के माध्यम से यह स्पष्ट है कि उदयपुर में हिंदू दुकानदार कन्हैयालाल के जघन्य हत्या का आरोपी रियाज अत्तारी, न सिर्फ भाजपा नेताओं का करीबी था, अपितु वह भाजपा का सक्रिय सदस्य भी था। पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार एवं भाजपा से कुछ सवाल पूछे हैं। इनमें, क्या भाजपा और उसके नेता पूरे देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण बनाने का प्रयास कर रहें हैं। क्या प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अब भी चुप्पी साधेंगे। क्या भाजपा अपने प्रवक्ताओं एवं नेताओं के जरिए पूरे देश में आग लगाकर ध्रुवीकरण कर फायदा उठाने का प्रयास कर रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस केस को एनआईए को सुपुर्द करने का स्वागत किया था। अब नए तथ्य सामने आने पर यह सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार ने इन्हीं कारणों से इस घटना को जल्दबाजी में एनआईए को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।
पवन खेड़ा ने उदयपुर मामले में खुलासा करने से पहले 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा, पुलवामा में तीन सौ किलो से ज्यादा आरडीएक्स कैसे पहुंच गया था। उसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को जांच से बाहर क्यों निकाल दिया गया। देश हित में कोई जांच न हो, ये कह कर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। देविंदर सिंह को आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। आज तक इन केसों में कई अहम सवालों का जवाब नहीं मिल सका है। उदयपुर की घटना में भी कई पेंच फंसे हैं। शक होना लाजिमी है। अब उसका पता लग रहा है कि केंद्र ने एनआईए को इतनी त्वरित गति से जांच क्यों सौंप दी। क्या उक्त कारणों से डर कर एनआईए को जांच दी गई है। राजस्थान पुलिस ने तो पहले से ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इस केस में सही समय पर कुछ तथ्य लोगों के सामने आएंगे। सीएम अशोक गहलोत, कानून के अनुसार कदम उठाएंगे।