सरपंच के साथ सचिवों ने मिलकर किया लाखों का फर्जीवाड़ा
सूचना के अधिकार से मामला आया प्रकाश में
महासमुंद।सरकार ने पंचायतों को कई सारे अधिकार दिए हैं. ताकि वो अपने क्षेत्र का विकास अपने ही जरुरत के हिसाब से कर सकें. इसमे चाहे निर्माण कार्य हो या फिर जनहित से संबंधित अनेक योजनाऐं, पंचायत स्तर पर तय होता है। फिर भी ऐसे कई मामले सामने आते हैं. जब पंचायत के नुमाइंदों ने शासन के इस अधिकार का गलत तरीके से फायदा उठाकर खुद की जेबें भर लेतें हैं। ऐसा ही एक चर्चित मामला पिथौरा ब्लॉक में सामने आया है। जहां पर पांच सचिव ने महिला सरपंच के साथ मिलकर विकास के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है। इस बात का खुलासा होने पर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है । ग्रामीणों के शिकायत पर पंचायत विभाग ने मामले की जांच करवाई तो अलग-अलग तीन मामलें में 10 लाख 2 हजार 317 रुपए की फर्जीवाडा किया जाना पाया गया है, महिला सरपंच के दो कार्यकाल में तीन बार अनियमितता सिद्ध होने के बाद भी उक्त महिला सरपंच पद पर बनी हुई है।
क्या है मामला
छत्तीसगढ के जिला महासमुंद, विकास खण्ड पिथौरा अन्तर्गत ग्राम पंचायत बुन्देली में सुनीता दीवान का सरपंच पद पर यह दूसरा कार्यकाल है। पहला कार्यकाल वर्ष 2015 – 16 से 2019 – 20 तक रहा है, वर्तमान में दूसरा कार्यकाल के साथ भ्रष्टाचार का सिलसिला भी जारी है ।
ग्राम पंचायत बुन्देली में सरपंच श्रीमती सूनीता दीवान के प्रथम कार्यकाल में वर्ष 2017-18 में मनरेगा कार्यों की सामाजिक अंकेक्षण में कमिंया पाये जाने पर दिनांक 14/12/2019 को विभाग के अधिकारियों ने जांच की जिसमें 3 लाख 16 हजार 25 रुपये का सरपंच श्रीमती सूनीता दीवान एवं सचिव डोमनलाल ताण्डी के द्वारा अनियमितता किया जाना पाया गया ।
ग्राम पंचायत बुन्देली के ग्रामीणों ने सरपंच श्रीमती सूनीता दीवान के द्वारा पंचायत में किये गये भ्रष्टाचार के संबंध में दिनांक 14/08/2019 को कलेक्टर जनदर्शन महासमुंद में शिकायत किये थे । उक्त शिकायत पर सरपंच श्रीमती सूनीता दीवान, पूर्व सचिव डोमन ताण्डी एवं व सचिव मुकेश दीवान के द्वारा 5 लाख 60 रुपये का फर्जीवाडा किया जाना पाया गया ।
इसी तरह सुनिता दीवान सरपंच पद हेतु अयोग्य होते हुए भी 30 दिसम्बर 2019 से 6 जनवरी 2020 के बीच सरपंच चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया और चुनाव भी जीत गयी । पूरे मामले की जानकारी जनपद पंचायत पिथौरा द्वारा 8 नवम्बर 2019 को जिला पंचायत को दे दिया गया था लेकिन जिला पंचायत में जानबुझकर फाइल दबाने के कारण महासमुंद जिले में एक अयोग्य प्रत्यासी चुनाव के लिए नामांकन भरा और जीत हासिल कर ली ।
सुनिता दीवान के दुसरे कार्यकाल में भी पहले कार्यकाल की तरह शासकिय राशि का दुरुपयोग करने का सिलसिला बेखौफ जारी है । शिकायत के बाद 8 फरवरी 2022 को कलेक्टर महासमुंद के समक्ष ग्राम पंचायत बुन्देली के सरपंच सुनिता दीवान के द्वारा पंचायत में किये कार्यों की जांच की मांग की। शिकायत पर 5 मार्च 2022 को जनपद पंचायत पिथौरा के अधिकरियों के द्वारा जांच किये जाने पर वर्ष 2020 – 21 एवं 2021- 22 में 14वें वित्त , 15 वें वित्त एवं मूलभूत योजना के तहत शासन से प्राप्त राशि का सरपंच सुनितान एवं तत्कालीन सचिव रामकुमार नायक, विद्याचरण नायक एवं राजूलाल सोनवानी के द्वारा कूल 1 लाख 86 हजार 232 रूपये का फर्जीवाडा किया जाना पाया गया ।
एस डी एम कार्यालय पिथौरा में दो प्रकरण दर्ज
पहला मामला में जिला पंचायत महासमुंद के जांच रिपोर्ट दिनांक 17/01/2020 के अनुसार ग्राम पंचायत बुन्देली में मनरेगा के तहत शौचालय निर्माण कार्य की राशि 3 लाख 16 हजार 25 रुपये सरपंच सुनिता दीवान सचिव डोमन ताण्डी के द्वारा वसूली हेतु प्रकरण लंबित है ।
दूसरे मामले में सीईओ जनपद पंचायत पिथौरा द्वारा दिनांक 25/11/2019 को एस डी एम पिथौरा के समक्ष प्रेषित पत्रानुसार सुनिता दीवान पूर्व सचिव डोमनलाल ताण्डी एवं मुकेश दीवान के द्वारा अपने कर्तव्य के निर्वहन में अवचार कर 5 लाख 60 रुपये का वित्तीय अनियमितता किये जाने पर प्रकरण लंबित है । इसी तरह पंचायत विभाग के अधिकरियों ने बताया की तीसरा प्रकरण दर्ज करने हेतु प्रक्रियाधिन है। एक सप्ताह भीतर प्रकरण तैयार कर एस डी एम कार्यालय पिथौरा में प्रस्तुत कर दिया जायेगा ।
बुन्देली पंचायत में भ्रष्टाचार का खेल पुराना
बताया जा रहा है कि बुन्देली ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की कहानी कोई नई नहीं हैं। यहां जो भी सचिव हो, पंचायतीराज के सारे नियमों को ताक में रखकर कार्य करते हैं। सचिव डोमन ताण्डी को वर्ष 2019 में निलंबित किया गया था । उसके बाद मुकेश दीवान को यहां का सचिव बनाया गयाा। ताकि यहां हो रहे शासकीय राशि के दुरुपयोग पर लगाम लगाई जा सके, लेकिन कुछ ही महीनों में मुकेश दीवान को बुन्देली ग्राम पंचायत का पानी लग गया। लिहाजा सचिव की ईमानदारी भी बाजार में बिकी और फिर शुरु हो गया एक बार फिर सरकारी पैसों का बंदरबांट। सचिव मुकेश दिवान के हटाये जाने के बाद सरायपाली ब्लॉक से सचिव नायक को पदस्थ किया। उक्त सचिव ने भी सरकारी खजाना बटोर कर पुनः सरायपाली ब्लॉक चले जाने के बाद सचिव विद्याचरण को प्रभार मिला। ये भी उसी राह में चलने के कारण सचिव राजूलाल सोनवानी को बुन्देली पंचायत का जिम्मेदारी दी गई इसी तरह सिलसिला जारी रहा, सचिव डोमन ताण्डी को पूर्व में इसी पंचायत से निलंबित किया गया था अन्ततः वर्तमान में सचिव डोमन ताण्डी को ही इसी पंचायत में पदस्थ किया गया है।