राजनीति

मोदी सरकार के सात साल देश का बुरा हाल-कृष्णा

मोदी सरकार के सात साल देश का बुरा हाल-कृष्णा
महासमुन्द। नगर पालिका के उपाध्यक्ष कृष्ण चंद्राकर ने मोदी सरकार के सात वर्ष पूर्ण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बीते सात वर्ष में सरकार की अलोकप्रिय नीतियों अदूरदर्शी सोच के चलते देश का बुरा हाल हुआ है l इन सात वर्षों में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के साथ सौतेला व्यवहार व्यवहार किया है
राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाली मनरेगा योजना में लगभग 30 लाख मजदूर लाभन्वित होते है 2019-20 में 71 करोड़ का बजट था जबकि वर्ष 20 -21 में केंद्र सरकार द्वारा इस योजना में 15 करोड़ रुपयों की कटौती की गई जो राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में बाधा सिद्ध हुई।
श्री चंद्राकर ने आगे कहा कि राज्य की सबसे बड़ी समस्या नक्सलवाद ग्रस्त क्षेत्र के विकास की राशि में 65% कटौती की गई जबकि राज्य से कम नक्सल मूवमेंट वाले प्रदेश महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को अधिक धन राशि दी गई जो अत्यंत निंदनीय है.. धान के कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में किसानों को बोनस की राशि ना देना सरकार की नीतियों में शामिल है
श्री चंद्राकर ने आगे कहा कि वैश्विक महामारी की रोकथाम में सरकार पूरी तरह विफल रही है..स्वास्थ सुविधाओं जैसे हॉस्पिटल बेड वेंटिलेटर आदि के अभाव के चलते हजारो लोगो से अधिक ने दम तोड़ा सरकार वैक्सीन देश के बाहर भेजकर वैक्सीन उत्सव मना रही है और देश के लोग इसके अभाव में मृत्यु के द्वार में खड़े हैl
चुनाव पर श्री मोदी ने हवाई चप्पल वालो को भी सरकार आने पर हवाई यात्रा का सपना दिखाया था। प्रथम लाक डाउन में हवाई चप्पल पहने श्रमिक साथियो को सरकार की नीतियों के चलते ट्रेन बस इत्यादि का साधन भी नसीब नहीं हुआ जिसके चलते हजारो किलों मीटर पैदल यात्रा करते हुए अपने प्राण गवा चुके है। श्री चंद्राकर ने आगे कहा कि राज्य के लोगो ने आम चुनाव में मोदी सरकार बनाने के लिए 11 लोकसभा सीट में 9 सीटों में भाजपा सांसद को विजयी बनाकर प्रदेश के तीव्र गति से विकास की अपेक्षा की परँतु सरकार की लचर व राज्य के प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैये से भाजपा सांसद गण आज मुक दर्शक की मुद्रा में है व सरकार की नीतियों के समक्ष नतमस्तक है। श्री चंद्राकर ने आगे कहा कि प्रदेश की जनता मोदी सरकार की नीतियों से त्रस्त है और आगामी समय में उन्हें उचित जवाब के अवसर तलाश रही है

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

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