फांसी पर लटके, खून से सनी आरपीएफ जवान की संदेहास्पद लाश मिलीं, परिजनों ने कहा आत्महत्या नहीं हत्या
महासमुन्द-.महासमुन्द रेलवे पुलिस का आरक्षक की मेघबसंत विहार कालोनी में किराए के मकान पर संदेहास्पद स्थिति में फांसी पर लटका पाया गया है। फांसी पर लटके लाश के सिर पर गंभीर चोट और पूरा सर खून से सना पाया गया है। पुलिस का अनुमान है कि मृतक फांसी लगने से पहले गिरा होगा, जिस वजह से सर फटा और रक्त श्राव हुवा होग। सिर पर चोट लगने के बाद फिर उसने फांसी लगा ली होगी। लेकिन मृतक के परिजनों का कहना है कि किसी ने हत्या कर फांसी पर लटका दिया है। आरक्षक स्वभाव से बहुत ही शांत और मेहनत कस था। फांसी लगाने की बात वह सोच भी नही सकता। गौरतलब है कि बिती रात्रि 9 बजे रेल्वे पुलिस ने सिटी कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि उनका एक आरक्षक आलोक साहू पिता प्रहलाद साहू 23 साल निवासी हरिहरपुर जिला नयागढ़ उड़ीसा का निवासी अपने किराये के मकान मेघ बसंत में अपने कमरे में दोपहर से बंद है। सीआरपीएफ पुलिस को आरक्षक के माकान मालिग ने इसकी सूचना दी थी। सिटी कोतवाली पुलिस मामले की सूचना पर घटना स्थल पहुंची तो सिटी कोतवाली पुलिस ने पाया कि आरक्षक आलोक साहू अंदर में है और आवाज लगाने पर कमरे के अंदर से कुछ हलचल नहीं हो रही है। जिस पर सिटी कोतवाली पुलिस ने दरवाजा तोडक़र अंदर प्रवेश किया तो पुलिस ने पाया कि आरक्षक आलोक साहू फांसी पर लटका है जिसके सर से खून निकलकर सूख गया और कमरे के फर्स पर खून बिखरे हुए हैं। चुङ्क्षक मामला रात्रि के वक्त का था, सिटी कोतवाली ने कमरे को सील कर एक पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई थी। कल आलोक साहू की मौत की जानकारी उसके परिजनों को दे दी गई थी जो आज सुबह महासमुन्द पहुंच गये थे। जिनके सामने आज सिटी कोतवाली पुलिस ने कमरा खोल कर लाश को फंदे से उतार कर लाश का पंचनामा करवा पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया है। सिटी कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
क्या कहते है रेल्वे पुलिस महासमुन्द के टीआई
श्री गोटिया का कहना है कि पिछले 4 माह से मृतक आलोक साहू महासमुन्द रेल्वे पुलिस में वाटर केरियर आरक्षक के पद पर पदस्त था। मृतक आलोक कल 18 अक्टूबर को अपने घर जाने के लिए 5 दिन की छुट्टी मांगा, जिसे आरपीएफ के टीआई गोटिया ने मंजूर कर लिया था। मृतक आलोक साहू छुट्टी लेकर अपने किराए के मकान मेघबसंत विहार में कल दोपहर 3 बजे पंहुचा। जिसके बाद से ही वह अपने किराए के मकान में था। श्री गोटयिा ने बताया कि मृतक को छुट्टी दे दी गई थी लेकिन छुट्टी की डायरी रवानगी दर्ज नहीं कराया था। इसलिए कल शाम को आलोक साहू को फोन लगाया गया, लेकिन आलोक ने फोन रिसीव नहीं किया। जिसके बाद आरपीएफ द्वारा मृतक आलोक साहू के मकान मालिक विपिन बिहारी महंती की पत्नी को फोन लगाया गया, तब श्रीमती महंती ने आलोक साहू के कमरे पर जाकर देखा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है। मकान मालकिन द्वारा आलोक साहू को आवाज देने पर अंदर से ना ही कोई हलचल हुई ना किसी प्रकार की कोई आवाज आई। मकान मालकिन को संदेह हुआ और उसने आरपीएफ को जानकारी दी। जिसके सिटी कोतवाली पुलिस को रात्रि लगभग 9 बजे मामले की जानकारी दी गई। श्री गोटिया का कहना यह भी है कि लडक़ा मेहनती था और खिलाड़ी भी था। अभी कुछ दिनों पहले ही वह रेल्वे के तरफ से एक खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर वापस भी लौटा है।
परिजन क्या कहते हैं
घटना की सूचना पा कर आरक्षक आलोक साहू के चाचा, भाई और उनके बहनोई रमाकांत बेहरा पहुंचे थे। रमाकांत बेहरा ने पत्राकारों से कहा कि उनका साला आत्महत्या कर ही नहीं सकता है। घर परिवार का होने के बाद भी कभी हिम्मत नहीं हारा। जी जान लगाकर रेल्वे में भर्ती हुआ और अभी वर्तमान में वह आगे उच्च पदों में जाने के लिए तैयारी कर रहा है। जब मैं कमरे में गया लाश को देखकर कोई भी बता देगा कि आलोक साहू को कोई मारकर फांसी पर लटका दिया है। रमाकांत बेहरा ने कहा कि कमरे में लगे एक खिडक़ी पर जिसमे ग्लास ही है लोहे का सरिया नहीं लगा है। आरोपी ने हत्या कर भाग निकला है। सिर पर लगे चोट बहुत गंभीर है, उसे देखकर ही लग रहा है कि आलोक साहू के सिर पर किसी भारी चिज से वार किया गया है और उसके बाद उसे फांसी पर लटकाया गया है।
शेरसिंग बंदे सिटी कोतवाली प्रभारी
पुलिस को प्रथम दृष्टिया यह प्रतीत हो रहा है कि मृतक ने आत्महत्या की होगी परन्तु अभी हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते हैं क्योंकि पोस्ट मार्डम की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। परिजनों के संदहे को संज्ञान में रखते हुए सिटी कोतवाली पुलिस सभी पहलुओं पर जांच करेंगी।