घाटकाछर के बच्चे आठवीं के बाद छोड़ देते हैं पढ़ाई..जाने क्यों…
महासमुंद। जिले के सरायपाली ब्लॉक का एक ऐसा ग्राम पंचायत जहां के बालक बालिका आठवीं कक्षा के बाद हाई स्कूल की पढ़ाई नहीं करते है। ऐसा नहीं के इस गांव के बच्चे आगे पढ़ना नहीं चाहते है। इस गांव के बच्चे भी पढ़ना चाहते है लेकिन इस गांव में आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई करने हाई स्कूल नहीं है। मजबूरी है इस गांव के बच्चों की। छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर ओडिशा सीमा से लगे लगभग आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में हाई स्कूल नहीं होने से बच्चे मिडिल स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।
गौरतलब है कि सरायपाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत घाटकछार का। ग्रामीणों और यहां के सरपंच ने उनके गांव के मिडिल स्कूल का उन्नयन कर हाई स्कूल खोलने की मांग उठाते रहे हैं। कोई अब तक इस गांव और इस गांव के बच्चों की सुध किसी ने नहीं ली। है। इस गांव के आसपास हाई स्कूल नहीं है। लिहाजा 100 से भी ज्यादा बच्चे हाई स्कूल की शिक्षा के लिए 10 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करते हैं। यह इलाका अनुसूचित जाति और जनजाति बाहुल्य इलाका है इसके बाद ही यहां हाई स्कूल नहीं खोला जा रहा है। गौरतलब है कि शासन की ओर से अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अनेक पहल भी किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत घाटकछार के सरपंच से जब इस मामले को लेकर चर्चा की गई तब उनका कहना था कि उनके द्वारा लंबे समय से हाई स्कूल खोलने की मांग उठाई जा रही है। दरअसल उस इलाके के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा गांव के बच्चे एक मिडिल स्कूल की शिक्षा ग्रहण करने के बाद सुविधा नहीं होने से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सरपंच बिरंची बेताल ने कहा कि हाई स्कूल के लिए उनके ग्राम पंचायत में पर्याप्त जगह भी उपलब्ध कराया जा सकता है इसके लिए हुए पंचायत में प्रस्ताव कर भी शासन के पास भेज चुके हैं।