महासमुंद टाइम्स

जिला प्रशासन की मुंह देख कार्रवाई, मोनिका बेसरा के अलावा और भी लोग जमे हुए हैं सरकारी आवास पर

महासमुंद। महासमुंद कलेक्टर कार्यालय से एक लेटर निकला है जिसकी चर्चा कर्मचारी महकमे में जोर शोर से हो रही है। जिला कलेक्टर कार्यालय से निकले पत्र में कि शासकीय आवास गृह क्रमांक एच-18 कार्यालयीन कर्मचारी कुमारी मोनिका बेसरा, सहायक ग्रेड-2 के नाम से आबंटित है, जिसमें वह वर्तमान में भी निवासरत है। कु. मोनिका बेसरा का स्थानांतरण वर्ष 2022 में शासन के आदेश क्रमांक एफ 03-37/2022/44-1: नवा रायपुर, दिनांक 30.09.2022 के अनुसार कार्यालय सहायक संचालक उद्यान, बलौदाबाजार (छ.ग.) हो गया है। कु छोटे बेसरा द्वारा बलौदाबाजार सहायक संचालक उद्यान के कार्यालय में दिनांक 26.12.2022 को उपस्थिति दे दी है एवं वर्तमान में भी वे बलौदाबाजार कार्यालय में ही कार्यरत है। तत्संबंध में अवगत हो, कि जिला मुख्यालय महासमुन्द में जिला एवं सत्र न्यायालय रोड स्थित शासकीय आवासगृह क्रमांक एच-18 आपको आबंटित किया गया था किन्तु स्थानांतरण होने के उपरांत आपके द्वारा उक्त आवास गृह में अनाधिकृत रूप से निवास किया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। आवास आवंटन नियम में निहित प्रावधानों के तहत् अनाधिकृत आधिपत्यधारी के विरूद्ध आवंटन अधिकारी द्वारा छ.ग. लोक परिसर (बेदखली) अधिनियम, 1974 के उपबंधों के अधीन कार्यवाही किये जाने एवं अनाधिकृत आधिपत्य की अवधि के लिए बाजार की दुगुनी दर से लायसेंस शुल्क वसूल करने का प्रावधान है।

अतः क्यों न आपके विरूद्ध आवास आवंटन नियम में निहित प्रावधानों के तहत् गजार दर पर वसूली की कार्यवाही तथा छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत बेदखली की कार्यवाही किया जावे ? अतएव उक्त शासकीय आवासगृह पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के भीतर रिक्त कर चाबी सौंपकर, नियमानुसार निवासरत अवधि का विद्युत/ जलकर का नोड्यूज सर्टीफिकेट के साथ प्रतिवेदन इस कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित् करेंगे।

यहां तक तो सब ठीक नजर आ रहा है कि नियंतः स्थानांतरण के बाद कोई भी कर्मचारी एक स्थान से दूसरे स्थान पर ड्यूटी में उपस्थित होने के बात सरकारी आवास को खाली करने का प्रावधान तो है लेकिन महासमुंद में इस नियम का कितना पालन कलेक्ट्रेट में उपस्थित अधिकारी करवा रहे हैं। सरकारी आवास में स्थानांतरण के उपरांत सिर्फ कुमारी मोनिका बेसरा ही निवास नहीं कर रही है इसके अलावा भी कुछ कर्मचारी स्थानांतरण के बाद भी सरकारी दफ्तर में कब्जा कर रखे है जिसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को होने के बाद भी खाली नहीं कार्य गया है। आज की तारीख में भी स्थानांतरण के बाद भी अधिकारी अपने परिवार सहित सरकारी आवास में अपना कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों अधिकारियों पर जिला प्रशासन के आलाधिकारियों की दरियादिली के पीछे क्या वजह हो सकती है यह समझ से परे हैं। नियम कायदे कानून तो सभी के लिए समान होने चाहिए पर मुंह देख कर कार्रवाई के पीछे की वजह जांच का विषय है।

 

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!