
महासमुंद। आज महासमुंद जिला पंचायत की उलट फेर से मुझे राहत इंदौरी की एक शेर याद आ रहा है।
*जुगनुओं ने फिर अँधेरों से लड़ाई जीत ली चाँद सूरज घर के रौशन-दान में रक्खे रहे*
एक दिन पहले ही अघोषित जीत की घोषणा के बाद फेसबुक व्हाट्सएप, ट्विटर पर जीत की बधाईयों का दौर चल रहा था। अचानक से पासा पलटा और माहौल में एक खामोशी सी छा गई है।
गौरतलब है कि महासमुंद जिला पंचायत के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक एक और जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 में अघोषित रूप से प्रत्याशियों की जीत की घोषणा के बाद बधाई का दौर शुरू हो चुका था। शहर के राजनीतिक विश्लेषक हार जीत का विश्लेषण करने ने जुटे हुए थे।
लोगों का कहना है कि जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक एक के प्रत्याशी प्रेम चंद्राकर ने अपने निकटम प्रत्याशी जागेश्वर जुगनू चंद्राकर को हरा कर जीत का परचम लहरा दिया है। वहीं जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 से हितेश चंद्राकर ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी नैन पटेल को हरा कर बाजी मार ली है। जीत की खुशी में मिठाई बांटी गई, पटाखे फोड़े गए।
इधर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नैन पटेल और जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष रिकाउंटिंग और रिटेबुलेशन के लिए आवेदन कर दिया। पूरे शहर में इस बात की चर्चा जोरों पर थी। बताया जा रहा है कि जागेश्वर जुगनू चंद्राकर अपने निकटतम प्रत्याशी से 6 वोट से हार चुके हैं वहीं नैन पटेल अपने निकटतम प्रतिद्वंदी हितेश चंद्राकर से 159 मत से हार गए हैं। यहीं चर्चा पूरे एक दिन शहर ने चलती रही। आज दिनांक 25 फरवरी को प्रत्याशियों के आवेदन पर नई मंडी के प्रांगण में रिटेबुलेशन का कार्य शुरू हुआ। मंडी प्रांगण में प्रत्याशियों की बौखलाहट देखने की मिली। इस बीच राजनीति महासमुंद शहर से निकलकर राजधानी रायपुर तक पहुंच गई। जिला प्रशासन के अधिकारियों को उत्सुकता रखने वालों का लगातार फोन जाने लगा। गहमागहमी के बीच आखिरकार पूरी कार्रवाई शाम 5 बजे तक पूरी हुई और पूरा पाशा पलट गया और अघोषित जीते हुए दोनों प्रत्याशी हितेश चंद्राकर और प्रेम चंद्राकर की हार हो गई और जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 1 से जागेश्वर जुगनू चंद्राकर को 31 वोट से जीत की घोषणा करते हुए जिला पंचायत सीईओ एस आलोक ने जीत की बधाई के साथ जीत का प्रमाण पत्र सौंप दिया। वहीं जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 से नैन पटेल को 34 वोट से विजयी घोषित कर दिया गया।
इस जीत और हार के बीच कहीं खुशी के माहौल में मातम छा गया तो कहीं गम के माहौल में खुशी की लहर छा गई।