व्यवसायिक कॉप्लेक्स को किराए पर देकर भर रहे हैं अपनी जेबें, सरपंच सचिव की मिलीभगत से हो रहा बंदरबाट
महासमुंद। महासमुंद जिला और जनपद पंचायत मुख्यालय से महज 10 किलो मीटर दूर ग्राम पंचायत घोड़ारी में ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव मिलकर कर रहे हैं सरकारी नियम कानून की अनदेखी। लाखों रुपए की लागत से बने व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का बिना किसी पंचायत प्रस्ताव के कर रहे हैं निजी उपयोग।
जनता के गाड़ी कमाई से बने कॉम्प्लेक्स को किराए ग्राम घोड़ारी के सरपंच सचिव द्वारा एक ढाबे वाले को किराए पर दे दिया गया है। ढाबे से आने वाले किराए की राशि को कौन रख रहा है। उस राशि का क्या उपयोग किया जा रहा है। इसका कोई हिसाब किताब सचिव के पास नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते ग्राम सचिव की जवाबदेही बनती है कि ग्राम पंचायत में होने वाले गैरकानूनी गतिविधियों की जानकारी जनपद पंचायत के सीईओ को देते पर सचिव द्वारा ऐसा नहीं किया गया।
गौरतलब है कि सन 2014_15 में घोड़ारी ग्राम पंचायत के बिरकोनी मार्ग पर 5 दुकानें लगभग 10 लाख की लागत से बनाई गई थी। जिसका अब तक सरकारी योजना के मुताबिक नीलामी नहीं हुई है। उसकी कॉम्लेक्स को गैर कानूनी तरीके से होटल खोल दिया गया है। होटल से मिलने वाले हजारों रुपए की राशि का ग्राम पंचायत के सचिव के पास कोई हिसाब किताब नहीं है।
ग्राम पंचायत के सचिव रमाकांत गोस्वामी से मामले में जानकारी मांगी गई तो सचिव ने लापरवाही पूर्वक जवाब देते हुए कहा कि मुझे इस विषय पर कोई जानकारी नहीं है। कहते हुए फोन काट दिया।
ग्राम घोडारी में बने इस व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स की गैर कानूनी रूप से उपयोग किए जाने की शिकायत जनपद पंचायत सीईओ को दो माह पूर्व लिखित में शिकायत की गई थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
गौरतलब है कि ग्राम घोड़ारी में तमाम कायदे कानूनों का खुला उलंघन कोई नई बात नहीं रह गई है। राज्य और केंद्र सरकार से आने वाले विकास कार्यों की राशि का भी सारे नियमों को तांक पर रख कर आहरण किया गया है।
समाचार के अगले अंक में और मामले का करेंगे खुलासा