पहली गेंद में भाजपा के दो विकेट, विनोद चंद्राकार ने गिराए
भाजपा जिपाध्यक्ष के दावे, अध्यक्ष तो प्रकाश ही रहेंगे
महासमुन्द। महासमुन्द नगर पालिका अध्यक्ष खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेसियों द्वारा लाने के बाद से भाजपा में खलबली चल रही है। आज भाजपा के दो पार्षद कमला बरिहा और सरला गोलू मदनकार ने कांग्रेस प्रवेश कर भाजपा के अध्यक्ष की हार को दो कदम और आगे ला दिया है। ढाई साल के कार्यकाल में नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ ऐसे लामबंद हुए पार्षद की भाजपा को अब मुह की खानी पड़ सकती है। 16 पार्षदों की संख्या वाली भाजपा अब 14 में पहुंच गई है और 13 की संख्या वाली कांग्रेस अब 15 में पहुंच गई है। भाजपा के अंदर टूट फूट की राजनीति कोई नई बात नहीं है इस शहर के लिए। भाजपा के लिए आज वो कहावत चरितार्थ हो रही है। हमे तो अपनों ने लूटा गैरों में कहा दम था, मेरी कस्ती थी डूबी वहां जहां पानी कम था। विधानसभा चुनाव को डेढ़ साल ही बचे हैं और भाजपा की अंदरूनी लड़ाई खुल कर जनता के सामने आ गई है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के 10 विधायकों ने मिलकर नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्राकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे थे। कलेक्टर ने अविश्वास प्रस्ताव वालों की संख्या देखर कर 4 जुलाई की तारिख भी तय कर दी और निवार्चन अधिकारी भागवत जयसवाल को बना दिया है। कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए 2/3 याने 20 पार्षदों की दरकार है वहीं भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष को अपनी कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षदों की जरूरत होगी। संख्या बल में कम होने के बाद भी कांग्रेस ने स्थानीय विधायक विनोद चन्द्राकर के रणनीति में आगे बढ़े और नगर पालिका में भाजपा के कार्यकाल को ध्वस्थ करने के करीब भी पहुंच रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव में मतदान के वक्त तक पता नहीं भाजपा के और कितने पार्षद कांग्रेस का दामन थाम लेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। बहरहाल नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्राकर की कुर्सी पर तलवार लटकी हुई नजर आ रही है।
भाजपा और कांग्रेस के कार्यों में अंतर
एक ओर भारतीय जनता पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में जिले के चारों विधानसभा की सीट हथियाने के लिए पिछले तीन दिन से सरायपाली में कार्यशाला का आयोजन कर प्रदेश भर के बड़े नेताओं को बुला रहे है। वहीं नगर पालिका की कुर्सी बचाने के लिए प्रकाश चन्द्राकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ दिन और रात एक कर रहे हैं बावजूद इसके प्रकाश चन्द्राकर के पक्ष में कुछ भी संभव नजर नहीं आ रहा है। वहीं कांग्रेस के विधायक और छत्तीसगढ़ राज्य के संसदीय सचिव विनोद चन्द्राकर अपने राजनीतिक जौहार दिखाते हुए। भाजपा के दो पार्षदों को अपने झोली में डालने में कामयाब हो गये हैं। कांग्रेस ने यहां एक जुटता दिखाई है वहीं भाजपा के भीतर का बिखराव खुलकर सामने आ गई है।
सरला गोलूमदनकार
सरला गोलूमदनकार भाजपा के सीट से चुनाव जीत कर आई थी और वह प्रकाश चन्द्राकर खेमे का ही थी। वहीं कमला बरिहा पार्षदा भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा की समर्थक मानी जा रही थी। प्रकाश चन्द्राकर और भाजपा के लिए दो पार्षदों का कांगेस प्रवेश करना कहीं भाजपा के हार का कारण ना बन जाये।
क्या है आम जनता की राय
महासमुन्द भारतीय जनता पार्टी में सालों से बिखराव देखा जाता रहा है। इस शहर के भीतर कभी किसी जिला अध्यक्ष की नहीं चली, और ना ही कोई जिला अध्यक्ष महासमुन्द शहर के भाजपा कार्यकर्ताओं को एक जुट होकर काम करने में राजी कर सके। भाजपा के कुछ ऐसे पार्षद है जो चुनाव से पहले ही भाजपा में प्रवेश किये और चुनाव जीते भी। नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दावेदारी भी की थी। उन पार्षदों को प्रकाश चन्द्राकर कभी अपने साथ जोड़ नहीं पाये। भाजपा के इन्ही पार्षदों पर बहरहाल पूरे शहर के लोगों की नजर है कि क्या वह आपसी रंजिश भुलाकर अपनी पार्टी को मजबूत बनाने का के लिए पक्ष में वोट डालेंगे या बदले की राजनीति करते हुए कांग्रेस के पक्ष में। बहरहाल यह देखना होगा के प्रकाश चन्द्राकर अपनी सीट बचाने में कामयाब होंगे या नहीं।
क्या कहती है भाजपा जिलाअध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी
भाजपा जिलाध्यक्ष रूपकुमारी का कहना है कि कांग्रेसियों ने सत्ता का दुरूपयोग कर भाजपा के पार्षदों को लालच देकर कांग्रेस प्रवेश करा लिया है। कांग्रेस चाहे जितना भी तीगड़म कर ले नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष प्रकाश चन्द्राकर ही रहेंगे। हम किसी भी कीमत पर कांग्रेस को उनके मनसूबू पर कामयाब नहीं होने देंगे।