…क्या अब अवैध कारोबार का तमाशा होगा खत्म, या फिर जनता को करना पड़ेगा पांच साल इंतजार

महासमुंद। महासमुंद विधानसभा में 2003 के बाद 2023 में योगेश्वर राजू सिन्हा ने जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी का सूखा समाप्त कर एक नया अध्याय लिखने के लिए महासमुंद विधानसभा पहुंच गए है। योगेश्वर राजू सिन्हा ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के डॉक्टर रश्मि चंद्राकार को 16152 मतों से शिकस्त दी है। महासमुंद विधानसभा में पड़े मत का 51 प्रतिशत मत योगेश्वर राजू सिन्हा के पक्ष में रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से महासमुंद विधानसभा में लगातार 2003 से 2018 तक भारतीय जनता पार्टी के पूनम चंद्राकार पर ही भारतीय जनता पार्टी ने अपना भरोसा जताते हुए भाजपा की टिकट दी। 2003 में पूनम चंद्राकार भारतीय जनता पार्टी की टिकट से पहली जीत दर्ज किए और छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और पूनम चंद्राकार संसदीय सचिव भी बने थे। जिसके बाद से भाजपा को लगातार महासमुंद विधानसभा में हार का मूंह देखना पड़ता रहा । 2003 के बाद से भारतीय जनता पार्टी को महासमुंद विधानसभा में लगातार हार का सामना करना पड़ा है। 2013 के विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता डॉक्टर विमल चोपड़ा ने टिकट नहीं मिलने पर बागी हो गए और बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे और जीत हासिल की। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में डॉक्टर विमल चोपड़ा उतरे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि 2023 के चुनाव में महासमुंद विधानसभा से पूनम चंद्राकार, डॉक्टर विमल चोपड़ा सहित अन्य भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उम्मीदवारी की थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सारे दावेदारों को किनारे करते हुए एक नए चेहरे योगेश्वर राजू सिन्हा को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया। शुरुआती दौर में तो ऐसा लग रहा था जैसे कांग्रेस को वाक ओवर मिल गया, लेकिन योगेश्वर राजू सिन्हा ने जिस तरीके से मोर्चाबंदी कर आहिस्ता आहिस्ता चुनावी मैदान में उतरे और कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी कहे जाने वाली डॉक्टर रश्मि चंद्राकार को पटकनी दी वह काबिले तारीफ रही। योगेश्वर राजू सिन्हा को टिकट मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ता बड़े बेमन उनके साथ जुड़े रहे, वहीं कुछ युवा कार्यकर्ता पुरानी परम्परा तो तोड़ने के लिए आतुर नजर आए और दिन रात योगेश्वर राजू सिन्हा को जीत दिलाई के लिए मेहनत करते नजर आए और कार्यकताओं की मेहनम रंग लाई और योगेश्वर राजू सिन्हा ने महासमुंद विधानसभा में जीत हासिल कर एक नया इतिहास रचा दिया।
महासमुंद विधानसभा में कांग्रेस के पिछले पांच सालों में जिस तरह से अवैध शराब, अवैध रेत, अवैध गुटखा, अवैध सट्टे का कारोबार के नाम पर जो तमाशा शहर में चलता रहा उसका भी लाभ योगेश्वर राजू सिन्हा को मिला। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी ने चंद्राकार समाज को महत्व देते रहे, वह भी महासमुंद विधानसभा में योगेश्वर राजू सिन्हा की जीत की वजह बनी। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के भीतर शुरुआत से अंतर कलह चलती रही और एक दूसरे की लकीरें छोटी करने में लगे रहे, वह भी कांग्रेस के हार का कारण रहा। 2023 के हुए चुनाव में महासमुंद कांग्रेस पार्टी में यह देखने को मिला की पार्टी ने जो घोषणा की थी 32 सौ में धान खरीदी, कर्ज माफी, बिजली बिल में 200 यूनिट फ्री, महिलाओं को साल का 15 हजार देने की घोषणा से निश्चिंत रहे और पार्टी के कार्यकर्ता डॉक्टर रश्मि चंद्राकार को जिताने में सिर्फ औपचारिकता पूरी करते रहे। नतीजा रहा कि योगेश्वर राजू सिन्हा को इसका लाभ मिला और भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से आगे निकलती गई, और नतीजा 3 दिसंबर को सभी के सामने आया और कछुआ चाल के बाद भी भाग्य का साथ मिला और योगेश्वर राजू सिन्हा ने जीत का परचम लहरा दिया।
बहरहाल भारतीय जनता पार्टी और महासमुंद विधानसभा के नव निर्वाचित विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा के पास काम करने के लिए 5 साल है। देखना यह होगा के महासमुंद शहर में जिस तरह से अवैध शराब, अवैध रेत, अवैध सट्टे सहित अन्य कारोबार में कमी आएगी या यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा।
यहां पर यह कहना लाजमी होगा कि सत्ता की चमक धमक और चकाचौंद जिस तरह से सर चढ़ कर बोलता है, जिससे सत्ताधारी खुद को खुदा समझ लेता है यह भूल शायद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा नहीं करेंगे और महासमुंद में एक नए आयाम को गढ़ते जायेंगे।