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गांधीगिरी कर भ्रष्ट शासन प्रशासन को जगाने की कोशिश में लगे महिला बाल विकास अधिकारी।

“हर शिकायत की जाँच के बाद कार्रवाई होती है -कलेक्टर”

महासमुन्द। जिले में विगत 2 वर्षों से मुख्यमंत्री कन्या विवाह उपहार सामग्री क्रय में हुई 20 लाख की अनियमितता और महासमुन्द ब्लॉक में मई माह हेतु वितरित रेडी टू ईट में हुई 10 लाख की अनियमितता पर कार्यवाही की माँग के साथ महासमुन्द जिले के जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले 16 मई प्रातः 10 बजे से अपने निवास पर अनशन पर बैठ गए है ।
मामला है लाखों की धोखाधड़ी का महासमुन्द ब्लॉक में वर्ष 2020 और 2021 में कुल 400 जोड़ों का कन्या विवाह संपन्न हुआ था । वर्ष 2020 में टेंडर की पूरी प्रक्रिया श्री बोदले के जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पदस्थ रहते हुए की गई थी । उनके कार्यकाल में क्रयसमिति द्वारा उच्च गुणवत्तापूर्ण ब्रांडेड उपहार सामग्री का चयन क्रय समिति द्वारा किया गया था । उनके बाद जिले में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बिना क्रय समिति के अनुमोदन के अन्य फर्म को वर्क आर्डर दे दिया गया । अन्य फर्म द्वारा गुणवत्ताहीन उपहार सामग्री आपूर्ति की गई जिसका बाज़ार मूल्य पूर्व चयनित सामग्री 50 % लगभग था । इस अनियमितता पर जाँच प्रतिवेदन सुधाकर बोदले द्वारा शासन और जिला प्रशासन को अप्रैल 2020 में प्रेषित किया गया । मीडिया ने भी इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया गया । सामग्री गुणवत्ताहीन थी इसलिए तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उसके वितरण पर रोक लगा दी गई । इसके बाद मामला ठंडा पड़ते ही 10 माह बाद जनवरी 2021 में वही गुणवत्ताहीन सामग्री हितग्राहियों को पुनः वर्तमान पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा वितरित करवा दी गई । इसी प्रकार वर्ष 2021 के कन्या विवाह में पुनः गुणवत्ताहीन सामग्री हितग्राहियों को वितरित की गई । जिसका बाज़ार मूल्य फर्म को भुगतान की गई राशि का 50 % ही था । वर्ष 2021 में कई बर्तन सामग्री इतनी गुणवत्ताहीन थी कि उनका 1 बार भी उपयोग हितग्राहियों द्वारा नही किया जा सका । वो बर्तन पिचक कर चपटे हो गए थे ।
एक अन्य प्रकरण में महासमुन्द ब्लॉक में मई 2021 हेतु प्रदायित रेडी टू ईट ब्लॉक के 15 सेक्टरों में से 11 सेक्टरों में 50 % गुणवत्ता से भी कमतर पाई गई । सुधाकर बोदले द्वारा महासमुन्द ब्लॉक के CDPO को अप्रैल माह में बार बार निर्देशित करने के उपरांत भी गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु कोई प्रयास नही किया गया अपितु रेडी टू ईट की अनियमितता को उनके द्वारा संरक्षण दिया गया । यह अनियमितता लगभग 10 लाख रुपये की है ।
इन दोनों प्रकरणों पर कार्यवाही के लिए सुधाकर बोदले द्वारा प्रतिवेदन सतत उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया गया, परन्तु जिम्मेदार शासकीय अमले पर कोई कार्यवाही नही होने और ज़रूरतमंद महिलाओं और बच्चों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सुधाकर बोदले ने आज 16 मई से अनशन पर बैठ कर सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
सुधाकर बोदले ने कलेक्टर को अनशन हेतु महासमुन्द नगर में स्थल प्रदान करने अनुरोध पत्र लिखा था लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें स्थल प्रदान नही किया।

कलेक्टर डोमन सिंह ने कहा कि  “हर शिकायत की जाँच के बाद कार्रवाई होती है ”

सुधाकर बोदले,जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद द्वारा द्वारा जो शिकायतें भ्रष्टाचार के संबंध में की गई है ।उसमें शासन स्तर से जांच चल रही है एवं जिला स्तर से भी कार्यवाही की जाएगी ।किसी प्रकार के भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान का यह मामला दिखाई पड़ता है।किसी भी तरह की शिकायत आने पर चाहे वह आम जनता से प्राप्त हुई हो या किसी विभागीय अधिकारी-कर्मचारी से सभी शिकायतों की संबंधित विभागों के द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाती है । श्री बोदले संबंधी शिकायत की जाँच भी राज्य और प्रशासन स्तर पर चल रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिंहा द्वारा जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद सुधाकर बोदले, द्वारा आज रविवार से अनशन एवं सत्याग्रह ग़लत बताते हुए कहा कि श्री बोदले विभागीय अधिकारियों द्वारा जारी आदेश/निर्देश का पालन कभी भी नहीं किया, हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों/निर्देशों का उल्लंघन करते रहे है। श्री सुधाकर द्वारा प्रतिकूल व्यवहार किया जा रहा है। जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। इस प्रकार उनके द्वारा शासन की छवि खराब की जा रही है एवं शासकीय कार्योें में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। जिले में कोविड पैनडेमिक अंतर्गत धारा 144 लागू है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेष/शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को अनशन एवं सत्याग्रह हेतु प्रतिबंधित करता है।
मनोज सिंहा ने स्पष्ट किया कि जब से जिले में उनकी पदस्थापना जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के पद पर हुआ है तभी से सुधाकर बोदले जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद को समस्या हो रही है। पूर्व में श्री बोदले जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के प्रभार में पदस्थ थे। इसलिए सुधाकर बोदले समय-समय पर कोई न कोई समस्या उत्पन्न कर मनोज सिंहा का छवि खराब करने का प्रयत्न करते रहे है। श्री सुधाकर वर्तमान वरिष्ठ अधिकारी मनोज सिंहा एवं कनिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रति द्वेषपूर्ण व्यवहार करते है। पूर्व पदस्थ जिला बस्तर एवं सुकमा में भी उनके द्वारा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस प्रकार की कार्य कर समस्या उत्पन्न करते रहे है। वहां भी उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध खराब रहे है एवं शासकीय आदेशों/उच्च अधिकारियों के आदेशों का अवहेलना करते रहे है।
श्री सुधाकर द्वारा की गई शिकायत की जांच राज्य स्तर से की जा रही है। दिनांक 15 मई को को राज्य स्तरीय दल जांच हेतु महासमुंद ब्लॉक में आया था। जिसमें रेडी टू ईट फूड की गुणवत्ता एवं प्रदाय संबंधी जांच की गई। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत शासकीय नियमों का पालन करते हुए गुणवत्तायुक्त सामग्री का वितरण किया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिंहा द्वारा जारी आदेश/निर्देश का पालन कभी भी श्री सुधाकर के द्वारा नहीं किया गया। हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों/निर्देशों का उल्लंघन करते रहे है।श्री सुधाकर द्वारा प्रतिकूल व्यवहार किया जा रहा है। जो कि छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। इस प्रकार उनके द्वारा शासन की छवि खराब की जा रही है एवं शासकीय कार्योें में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। जिले में कोविड पैनडेमिक अंतर्गत धारा 144 लागू है जो कि किसी भी व्यक्ति विशेष/शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को अनशन एवं सत्याग्रह हेतु प्रतिबंधित करता है।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708
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