प्रशासनिकमहासमुंद टाइम्स

एसडीएम के आदेश से भड़के आंगनबाड़ी बीएलओ, पूरे जिले भर के बीएलओ ने दिया सामूहिक त्याग पत्र

मोबाइल इंटरनेट की मांग करने पर, एसडीएम ने बिना कारण बताओ नोटिस दिए किया कार्य मुक्त

 

 

महासमुन्द। महासमुन्द एसडीएम भागवात जायसवाल ने तुगलकी फरमार जारी करते हुए, छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के प्रांताउपाध्यक्ष बीएलओ श्रीमती सुधा रात्रे को पद से हटाने के बाद पूरे जिले भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ में एसडीएम के खिलाफ आक्रोशितों ने दिया सामुहिक रूप से दिया कलेक्टर एसडीएम को त्याग पत्र। पूरे जिले में बीएलओ के सामुहिक हत्या पत्र देने से प्रशासनिक अमले में मची हडक़म्प। आज 10 अगस्त को महासमुन्द जिले के पांचों ब्लॉक महासमुन्द, बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ ने एसडीएम कार्यालय पहुंच कर सामुहिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपा दिया है।

गौरतलब है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के प्रांताउपाध्यक्ष बीएलओ श्रीमती सुधा रात्रे ने शासन से मांग की दी थी कि निर्वाचन से संबंधित काम जिले के बीएलओ द्वारा मोबाइल में किया जाना है। जिले भर की कई ऐसी महिलाएं है जिनके पास ना तो एनड्राईड मोबाइल है और ना ही इंटरनेट के लिए पैसे। जिस वजह से गरूड़ एप पर मतदाता परिचय पत्र के साथ आधार को लिंक करना आनलाईन मुस्किल हो रहा है और इंटरनेट की राशि का अतिरिक्त भार भी पड़ रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को होने वाली असुविधा और परेशानी को देखते हुए। श्रीमती सुधा रात्रे ने बीएलओ वाट्सएप गु्रप में शासन से मांग करते हुए लिखा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्वाचन से संबंधित काम करने के लिए मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराया जाए। श्रीमती रात्रे के गु्रप में मैसेज डालने के बाद बीएलओ गु्रप के एडमीन ओम प्रकाश महिलांगे कम्प्यूटर आपरेटर ने श्रीमती रात्रे को गु्रप से 7 अगस्त को हटा दिया। वहीं 8 अगस्त को एसडीएम भागवत जायसवाल ने श्रीमती सुधा रात्रे को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए पद मुक्त कर उनके स्थान पर देवकी साहू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता क्रमांक 2 को बीएलओ को उनकी मर्जी जाने बिना ही श्रीमती सुधा रात्रे के स्थान पर बीएलओ नियुक्त कर दिया गया। श्रीमती रात्रे को कार्य मुक्त आदेश के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया और तत्काल मीटिंग कर सभी ने सामुहिक त्याग पत्र देने का फैसला किया है।

*क्या कहते हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस मामले में*

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि साढ़े 6 हजार मानदेय होने के बावजूद हम सब पूरी ईमानदारी और तनमयता से शासन की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। निर्वाचन कार्य में होने वाली दिक्कतों सहित अन्य समस्याओं के लिए हमने मुखिया श्रीमती सुधा रात्रे को अवगत कराते आये है और हमारी मांगों पर उनके माध्यम से ही शासन प्रशासन से पहुंचाते रहे हैं। निर्वाचन के कार्य करने में हम सभी को दिक्कत हो रही है लेकिन महासमुन्द एसडीएम जिन्हें लाखों रुपए तनख्वा मिल रहा है उन्हें हमारी समस्याओं से क्या लेना देना है। उन्हें तो बस अपने उच्चाधिकारियों के सामने वाहवाही लूटने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शोषण कर बलपूर्वक काम करवाना है। हम अपनी परेशानियों से उन्हें अवगत करा रहे हैं तो उनके द्वारा अपने अधिकार का गलत स्तेमाल करते हुए हमें काम से हटाया जा रहा है।

*कौन है ओम प्रकाश महिलांगे*

महासमुन्द एसडीएम कार्यालय में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत श्री महिलांगे जो खुद को एसडीएम समझा और अपने स्तर पर ही बीएलओ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को करता है मनमर्जी से आदेश। आज से पिछले तीन साल पहले इसी कम्प्यूटर आपरेटर ने आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ताओं के साथ की थी अभद्रभाषा का प्रयोग जिसके बाद हुआ था हंगामा।

*आंगनबाड़ी कार्यकर्ता क्यों हुए आक्रोशित*

महासमुन्द पंचशील वार्ड आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने 5-6 अगस्त को बीएलओ गु्रप में शासन से निवेदन करते हुए लिखा था कि निर्वाचन कार्य करने के लिए शासन प्रशासन उन्हें मोबाइल और इंटरनेट मुहैय्या कराये। गु्रप में मैसेज डालने के बाद 7 अगस्त को ओमप्रकाश महिलांगे ने श्रीमती रात्रे को गु्रप से हटा दिया और 8 अगस्त को एसडीएम ने बिना कारण बताओ नोटिस जारी किये बिना ही अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए श्रीमती रात्रे को पद से कार्य मुक्त कर दिया। जिसके बाद से पूरे जिले में मची हडक़म्प और दिया गया सामूहिक त्यागपत्र।

Ravindra Vidani

सम्पादक रविन्द्र विदानी 7587293387, 9644806708

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!