जुझारू के आगे झुका प्रशासन, एक माह बाद वापस लिया एसडीएम ने अपना आदेश
महासमुन्द। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के एक जुटता ने दिखाया कमाल झुका जिला प्रशासन। एसडीएम ने लिया अपने को फैसला वापस। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ के प्रांताउपाध्यक्ष सुधा रात्रे को सम्मान लिया बीएलओ के पद पर वापस। गौरतलब है कि आज से एक माह पूर्व 8 अगस्त को एसडीएम भागवत जायसवाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुधा रात्रे को बीएलओ के पद से हटा कर उनके स्थान पर किसी अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उनके स्थान पर पदस्थ कर दिया था। जिस बात से नाराज जिले भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखा गया था और एसडीएम भागवात जायसवाल के फैसले को तुगलकी फरमान बताते हुए जिला कलेक्टर का घेराव कर महासमुन्द और जिले के सभी चारों ब्लॉकों से सैकड़ो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ ने अपने बीएलओ के पद से सामुहिक त्याग पत्र दे दिया था। साथ ही जिला प्रशसान के एसडीएम भागवात जायवाल की शिकायत निर्वाचन अधिकारी से मंत्रलय में की गई थी।
गौतरलब है कि पिछले एक माह के भीतर जिला प्रशासन ने कई तरह के हथकंडे अपनाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तोडऩे का प्रयास किया लेकिन जिला प्रशासन को कामयाबी नहीं मिली। पिछले एक माह से निर्वाचन के काम बंद होने से लगातार जिला प्रशासन पर दबाव बनता चला जा रहा था। निर्वाचन के कार्य को समय पर पूर्ण नहीं होने पर निर्वाचन कार्यालय में भी इस बात की जोरों से चर्चा थी कि महासमुन्द जिले में एसडीएम के फैसले से नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निर्वाचन का काम करने से हांथ खड़े कर दिया है।
क्यों सुधा रात्रे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बीएलओ के पद से हटाया एसडीएम भागवत जायसवाल ने
सुधा रात्रे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ ने बीएलओ के लिए अनुविभागय अधिकारी के कार्यालय से एक वाट्सगु्रप बनाया गया था जिसमें सुधा रात्रे ने बीएलओ को निर्वाचन कार्य में हो रही परेशानियों को देखकर शासन से मोबाइल और इंटरनेट की मांग की थी। इसी बात से नाराज एसडीएम ने 8 अगस्त 2022 को सुधा रात्रे को बिना नोटिस दिया, बिना किसी कारण के निर्वाचन कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए पद मुक्त कर दिया था। जिस बात से नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बीएलओ के पद से पूरे जिले में त्याग पत्र दे दिया था।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा सत्य की हुई जीत
गौरतलब है कि आज अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय से सुधा रात्रे को पुन: उनको बीएलओ के पद पर पदस्त करने का आदेश जारी किया गया है। आंगनबाड़ी कार्याकर्ताओं ने सुधा रात्रे को बीएलओ के पद पर पुन: नियुक्त करने पर कहा है कि सत्य की जीत हुई और असत्य की हार हुई है। सुधारात्रे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ ने मीडिया से कहा कि उनके और उसके संगठन को कभी भी शासन के द्वारा दिये गये कार्य को करने से मना नहीं किया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बस शासन से उन्हें उनका हक चाहिए। यही मांग हमेशा रही है। शासन के अन्य अधिकारी कर्मचारीयों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपने जायज मांग के लिए समय-समय पर शासन को अवगत कराते रहती है। हमारी मांगों पर अनुविभागीय अधिकारी या किसी अन्य अधिकारियों को कोई आपत्ती नहीं होनी चाहिए। हम भी शासन के अधीन रह कर काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।